Categories: Uncategorized

किसानों के लिए अच्छी खबर: एक साल से बंद ये योजना फिर से हुई चालू,मशीनें खरीदने पर मिलेगी 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी

कृषि यंत्रों पर अनुदान देने की योजना एक साल बंद करने के बाद अब राज्य सरकार फिर से चालू करने जा रही है। केंद्र की योजना तो पहले से ही चल रही है लेकिन किसानों का इससे काम नहीं चला तो फिर से राज्य सरकार अपनी योजना लाने जा रही है।

लगभग सौ करोड़ का प्लान बना है। सरकार की मुहर लग गई तो इस बार 80 यंत्रों पर अनुदान मिलेगा। राज्य सरकार अपने खजाने से लगभग 75 यंत्रों पर अनुदान देती रही है।

पिछले साल इस योजना को बंद कर दिया गया था, लेकिन इस बार न सिर्फ अनुदान मिलेगा बल्कि यंत्रों की संख्या भी बढ़कर 80 हो जाएगी। लागत का 50 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। पराली प्रबंधन से जुड़े यंत्रों पर 80 प्रतिशत तक अनुदान मिल सकता है। नये यंत्रों में सरकार का सबसे अधिक जोर लैंड लेबलर पर होगा। इसके अलावा गन्ना पेराई मशीन पर भी अनुदान मिलेगा। उद्यान से जुड़े कुछ नये यंत्र भी अनुदान सूची में इस बार शामिल किये गये हैं।

इसके अलावा नई योजना में किसानों को ट्रेनिंग देने का भी प्रावधान किया गया है। नये यंत्रों के संचालन के साथ यंत्रों के रख-रखाव की ट्रेनिंग किसानों को दी जाएगी। विभाग का इस बार जोर लेजर लैंड लेबलर पर इसलिए है कि उसका मानना है कि समतल भूमि से फसल उपज में 20 से 25 प्रतिशत तक वृद्धि होगी। लिहाजा विभाग इसके लिए अभियान भी चला रहा है। लेजर लैंड लेबलिंग विषय पर एक प्रशिक्षण पुस्तिका भी विभाग ने प्रकाशित की है।

विभाग के अनुसार, जीरो टिलेज जैसी आधुनिक मशीन से एक खास गहराई पर बीज गिराया जाता है परन्तु खेत समतल नहीं रहने के कारण मशीन एक ही गहराई में बीज नहीं गिरा पाता है। इससे बीज का जमाव, बढ़वार प्रभावित होती है। खेत के समतल नहीं रहने के कारण खेत के किसी भाग में पानी का जमाव हो जाता है तो खेत के दूसरे भाग में नमी की कमी हो जाती है। इससे भी फसल का उपज प्रभावित होती है।

राज्य में सरकार ने कृषि यंत्रों पर अनुदान देने की योजना शुरू की तो राज्य में कृषि यंत्रीकरण में काफी वृद्धि हुई। 2005 के पहले राज्य में ट्रैक्टर के अलावा कोई यंत्र खेतों में नहीं दिखता था। उस समय तक कृषि क्षेत्र में यंत्रीकरण 0.5 और 0.8 किलोवाट प्रति हेक्टेयर पर वर्षों से रुका हुआ था। कृषि रोडमैप बनने के बाद बीज प्रतिस्थापन दर और यंत्रीकरण दर को बढ़ाने पर खासा जोर दिया गया।

सरकार हर साल किसानों को अनुदान के रूप में लगभग दो सौ करोड़ रुपये देने लगी और खेतों में कई आधुनिक यंत्र दौड़ने लगे। लिहाजा यंत्रीकरण 1.8 किलो वाट प्रति हेक्टेयर पहुंचकर राष्ट्रीय औसत 1.5 को पार कर गया। लेकिन जब इसके आगे बढ़ने की गति मंद पड़ने लगी तो सरकार ने फिर से अनुदान शुरू किया।

कृषि यंत्रीकरण योजना

50 हजार किसान औसतन हार साल लेते हैं लाभ
200 करोड़ रुपये तक अनुदान देती थी सरकार
98 करोड़ रुपये की योजना है इस बार
80 यंत्रों पर मिलेगा अनुदान

Share This Article.....
Shivam

Recent Posts

बिहार के लाल ने किया क़माल; आकाश दीप का टीम इंडिया में बड़ा धमाका

बिहार के सासाराम में जन्मे आकाशदीप ने शुक्रवार 23 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू…

2 months ago

बच्‍चों के लिए छोड़ा 107 करोड़ का पैकेज, जानिए कैसै Khan Sir बने लाखों स्टूडे़टस के हीरो…

संघ लोकसेवा आयोग की परीक्षा (UPSC Exam) की तैयारी करने वाले के बीच एक नाम…

2 months ago

राशन दुकानदार की बिटिया बनी अफसर, 3 बार फेल, हार मानने से किया इंकार, UPPSC में टॉपर बन रचा इतिहास…

लखनऊ के अलीगंज में रहने वाली सल्तनत परवीन ने UPPCS 2022 की परीक्षा में छठी…

2 months ago

बर्तन दुकानदार का बेटा बना IAS, ऑल इंडिया में 38वां रैंक, जानिए कैसे मिली सफलता…

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) देश में सबसे कठिन परीक्षा है। इस परीक्षा में देश…

3 months ago

ऑटो ड्राइवर की बिटिया UPSC टॉपर, देश भर में मिला पहला रैंक, भावुक होकर रोने लगी मां…

हम आज मेघा अरोड़ा की कहानी सुनेंगे। मेघा कहती है कि उनके माता पिता बहुत…

3 months ago

पहले मैट्रिक-इंटर परीक्षा में बनी टॉपर, फिर UPSC में 5वीं रैंक लाकर बनी IAS, अफसर बिटिया को सलाम

2018 की यूपीएससी परीक्षा में सृष्टि जयंत देशमुख ने पहली बार में ही 5वीं रैंक…

3 months ago