तकरीबन पांच साल से मुजफ्फरपुर में बेकार पड़े बिजली खंभा हटाने को लेकर दर्जनों बार बैठक हुई। बिजली खंभा हटाने में आने वाली लागत को लेकर मामला फंसा। बुधवार को निगम व एनबीपीडीसीएल की बैठक में बिजली खंभा हटाने का रास्ता निकाल लिया गया। तय हुआ कि बिजली खंभा काटने व अपने संसाधन से पोल पहुंचाने की जवाबदेही निगम लेगी।
बिजली खंभा काटने के लिए नगर निगम कटर खरीदेगी। बेकार पड़े खंभों की पहचान एनबीपीडीसीएल को करनी है। शहर में बेकार पड़े बिजली खंबा हटने से ट्रैफिक को बड़ी राहत मिलेगी। एनबीपीडीसीएल सूत्रों का कहना है कि बिजली खंभा हटाने के लिए उनके पास किसी तरह की राशि नहीं है। पूर्व में भी बिजली खंभा हटाने के लिए एस्टीमेट बनाकर हेडक्वार्टर भेजा गया।
लेकिन उसकी स्वीकृति नहीं मिली। प्रमंडलीय आयुक्त भी 5 साल पहले इस समस्या के समाधान को लेकर बैठक किए। एनबीपीडीसीएल के पास राशि के अभाव में पोल नहीं हट सका। शहर में जहां भी सड़क का चौड़ीकरण किया जा रहा है निर्माण एजेंसी द्वारा पोल शिफ्ट किया जा रहा है।
विद्युत कार्यपालक अभियंता राजू कुमार के साथ नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय ने इस समस्या को लेकर बुधवार को बैठक की। नगर आयुक्त ने एनबीपीडीसीएल अधिकारी को आश्वस्त कराया कि पोल काटने से लेकर पहुंचाने तक की जवाबदेही निगम की रहेगी।
लापरवाही पर बिजली मिस्त्री का वेतन बंद
नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय ने नगर निगम के बिजली मिस्त्री विद्युत शाखा महफूज आलम का वेतन बंद कर दिया है। काम में लापरवाही व शिथिलता को देखते हुए वेतन अगले आदेश तक बंद किया गया है। दूसरी ओर, धर्मशाला चौक के पास स्ट्रीट लाइट के केबल में करंट आने से जहां हादसा हुआ था, बुधवार को केबल के ऊपर बालू सीमेंट की ढलाई कर दी गई।
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