ATS के ADG एस. रविंद्रन ने मुजफ्फरपुर में क्राइम कंट्रोल और पेंडिंग केसों की समीक्षा की। इस दौरान SSP जयंतकांत, सभी DSP, सर्किल इंस्पेक्टर और सभी थानेदार मौजूद थे। PPT की मदद से SSP ने थानावार क्राइम की स्थिति और कि गयी कार्रवाई से अवगत कराया। समीक्षा के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैं गाइड बनकर आया हूँ। एक मेंटर के तौर पर मुझे भेजा गया है। यहां इम्प्रूवमेंट का बहुत स्कोप है। जहां जरूरी है, वहां सुझाव दे रहा हैं।। जहाँ गलती लग रही है। वहां टोक भी रहा हैं।
सर्किल इंस्पेक्टर के कार्यों की करेंगे समीक्षा
सबसे बड़ी बात है कि सर्किल इंस्पेक्टर का रोल बढाना है। ये सरकार द्वारा क्रिएट किया हुआ पोस्ट है। लेकिन, वर्तमान में सर्किल इंस्पेक्टर बनने के साथ हम रिलैक्स मोड पर आ जाते हैं। उनसे कोई पूछता भी नहीं है। या यूं कहें कि उन्हें भूल जाते हैं। इसी को बदलने की आवश्यकता है। क्योंकि एक CI के अंदर से पांच से छह थानां होता है। इन्हें भी अपनी जिम्मेवारी को समझते हुए इसका निर्वहन करना होगा।
ग्लौक पिस्टल बरामदगी में तह तक जाएंगे
हम हर महीने उनके किर्याकलाप की समीक्षा करेंगे। उन्हें निर्देश दिया गया है कि वे अपने थाना पर जाएं। पेंडिंग केसों की समीक्षा करें। जरूरी निर्दश दें और उसका अनुपालन कराएं। हम हर महीने खुद इसकी समीक्षा करेंगे कि उन्होंने इस दौरान क्या किया। क्या इससे कोई फर्क पड़ा या नहीं। इसमे जहां सुधार की जरूरत होगी। उसे सुधारा जाएगा। इसके बाद उन्होंने ग्लौक पिस्टल बरामदगी के सवाल पर भी कहा कि हम जबतक उसके ओरिगिन तक नहीं पहुंच जाएंगे। अनुसंधान नहीं रुकेगा। SSP खुद अपने स्तर से इसमे कार्रवाई कर रहे हैं। लेकिन, अभी इसमे कोई जानकारी देना उचित नहीं होगा।
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