मुजफ्फरपुर, मुख्य संवाददाता।
स्मार्ट सिटी के ड्रेनेज सिस्टम के निर्माण पर आईआईटी पटना की टीम ने गंभीर सवाल उठाये हैं। टीम ने कहा है कि निर्माण के लिए तैयार डीपीआर का अनुपालन नहीं किया जा रहा है।
यह सिविल कंस्ट्रक्शन कोड के हिसाब से अपराध है। स्मार्ट सिटी से थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन के करार के कारण आये अधिकारियों ने बेतरतीब अमानक नाला निर्माण पर गहरी नाराजगी जतायी। टीम ने बैरिया चौक पर जहां नाले की दीवार तुड़वायी, वहीं कंपनीबाग में छड़ ही बदलने का आदेश दिया। बैंक रोड में बालू, गिट्टी व सीमेंट के गाढ़े में मिट्टी मिली होने की आशंका पर निर्माण एजेंसी को क्वालिटी टेस्ट रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।
आईआईटी पटना की टीम का नेतृत्व कर रहे डॉ. सौरभ गौड़ ने गुरुवार को बैरिया से नाला निर्माण की जांच शुरू की। टीम ने स्मार्ट सिटी के अधिकारियों के साथ ही निर्माण एजेंसी को भी वहां तलब किया। डीपीआर देखते ही घटिया निर्माण की कलई खुलने लगी। डॉ. सौरभ गौड़ ने बैरिया में एमआईटी के पास नाले की छड़ों की अलग-अलग लम्बाई, नाले की दीवार की अलग-अलग ऊंचाई पर नाराजगी जतायी। निर्माण एजेंसी से उन्होंने कहा कि या तो नाले के लिए जमीन समतल नहीं की गई या फिर छड़ माप कर नहीं काटी गई। टीम ने कहा कि तीन नाले एक साथ बन रहे हैं और तीनों की ऊंचाई अलग-अलग है। पूछा, ऐसे में दीवारों पर ढक्कन कैसे लगाएंगे।
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