शहर में पाइप लाइन से रसाेई गैस की सप्लाई शुरू हाेने में अभी और वक्त लगेगा। अब साल के अंत तक घरों में इसकी सप्लाई हाे पाएगी। हालांकि, एलपीजी सिलेंडर से सस्ता और सुरक्षित हाेने के कारण लाेगाें काे जल्द सप्लाई शुरू हाेने का इंतजार है।
दरअसल, एक एलपीजी सिलेंडर इतनी रसाेई गैस पाइप लाइन से घरों तक पहुंचने में तकरीबन 440 रुपए के फायदे हाेंगे। कनेक्शन लेने पर उपभाेक्ताओंकाे 45 रुपए किलाे पाइप्ड नेचुरल गैस पीएनजी मिलेगी। इसके लिए उपभाेक्ताओंकाे रेंटल प्लान में कनेक्शन लेने पर 6650 रुपये जमा कराने पड़ेंगे।
यह सिक्युरिटी मनी है। एलपीजी घरेलू सिलेंडर 14 किलाे अभी 1150 रुपए मेंआ रहा है। यानी 82.14 रुपए प्रति किलाे। एलपीजी की बढ़ती कीमत से परेशान उपभोक्ता जल्द पीएनजी मिलने की उम्मीद लगाए हैं। यही कारण है कि सप्लाई से पहले ही साढ़े 3 हजार लाेगाें ने कनेक्शन के लिए आवेदन देकर घरों तक पाइप लगवा ली है।
1150 रुपए अभी एक सिलेंडर पर उपभोक्ता काे देने हाेते हैं, पीएनजी सस्ता-सुरक्षित, प्रदूषण भी कम हाेगा
आईओसीएल के अनुसार, प्लान लेने पर घरों तक पाइप लाइन का कनेक्शन दिया जा रहा है। कनेक्शन के लिए उपभाेक्ताओं काे रजिस्ट्रेशन कराना हाेता है। इसके लिए संबंधित क्षेत्र के संवेदक आधार कार्ड, बिजली बिल का फाेटाे काॅपी और मोबाइल नंबर लेकर रजिस्ट्रेशन करते हैं। प्रोजेक्ट अधिकारी रवि किशन ने कहा कि काफी संख्या में लाेगाें की सप्लाई शुरू हाेने काे लेकर क्वेरी आ रही है। पूरे शहर औरआस-पास के इलाकों में पाइप लाइन नेटवर्क का काम हाे रहा है। शहर के सभी वार्डों में 9्र00 किमी. में यह नेटवर्क हाेगा। इसमें 70 प्रतिशत तक काम पूरा हाे गया। दिसंबर तक का लक्ष्य रखा गया है।
पहले फेज में 50 हजार कनेक्शन का टारगेट, 250 कराेड़ का प्राेजेक्ट
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लि. के अनुसार पहले फेज में 50 हजार कनेक्शन का टारगेट है। मिठनपुरा, पीएंडटी काॅलाेनी, बेला राेड, मस्जिद चाैक, इमली चाैक, बेलाआैद्याेगिक क्षेत्र, भगवानपुर आदि इलाकों में सबसे पहले गैस सप्लाई की योजना है। वैसे इस प्रोजेक्ट पर 250 कराेड़ खर्चआएंगे।
जानिए… पीएनजी कितना है सुरक्षित
पाइप्ड नेचुरल गैस पीएनजी नेचुरल गैस है, जिसे पाइप के जरिए घरों तक पहुंचाया जाता है। यह एलपीजी से सस्ती के साथ काफी सुरक्षित भी है। क्योंकि यह हवा से हल्की हाेती है। इसलिए रिसाव के दाैरान ऊपर उठकर हल्की हवा में गायब हाे जाती है। एलपीजी भारी हाेने से हवा के संपर्क मेंआने परआग लग जाती है।
सर्दियों में एलपीजी सिलेंडरों में नीचे जम जाती है। लेकिन, पीएनजी में ऐसी समस्या नहीं हाेने से दुर्घटना की आशंका काफी कम हाे जाती है। इसके कई फायदे हैं। एलपीजी से सस्ती और सुरक्षित हाेने के साथ ग्रीन फ्यूल हाेने से प्रदूषण कम हाेगी।आैद्याेगिक क्षेत्रों के इंडस्ट्री भी इससे चलेगी। इसमें सिलेंडर लाने का झंझट नहीं हाेगा।
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