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महापर्व छठ का पहला अर्घ्य आज: 24 घंटों के निर्जला उपवास के बाद डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगे व्रती; घाटों पर उमड़ेगा आस्था का सैलाब

28 अक्टूबर से शुरू हुए छठ महापर्व का आज बेहद खास तीसरा दिन है। आज सभी छठ व्रती डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगी। शनिवार की रात खरना का प्रसाद खाने के बाद से व्रती निर्जला उपवास कर रहे हैं। अर्घ्य के वक्त राजधानी पटना समेत पूरे बिहार के घाटों पर हजारों की भीड़ जुटेगी। इसके लिए सभी जिलों में प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली है।

 

आज शाम को बांस की टोकरी में फल, ठेकुआ, चावल के लड्डू आदि से अर्घ्य का सूप सजाया जाता है। इसके बाद व्रती अपने परिवार के साथ सूर्य को अर्घ्य देते हैं। इसके बाद चौथे और आखिरी दिन उगते हुए सूर्य को दूसरा अर्घ्य दिया जाएगा और अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाएगा।

बड़ी संख्या में लोगों ने अपने घर के आंगनों, बगीचों और छतों पर भी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए पानी जमा किया है। इसी पानी में उतर कर व्रती फलों से भरा सूप उठाएंगे और सूर्य को अर्पित करेंगे। यह इस भावना के साथ है कि जिस सूर्य ने हमें अन्न दिया, हम सबसे पहले उसे श्रद्धा भाव के साथ अर्पित कर रहे हैं। पूरे अनुशासन के साथ। निर्जला की सात्विकता के साथ। इस मायने में यह प्रकृति पर्व है। समाज की हर जाति की समानता के साथ है। पर्व के जरिए सूर्य से सीधे जुड़ने की बात है। बीच में कोई माध्यम नहीं है।

पटना में गंगा घाटों पर भी उमड़ी भीड़
राजधानी के गंगा घाटों खासकर कलेक्ट्रेट घाट, दरभंगा हाउस काली घाट, रानी घाट, गांधी घाट, लॉ कॉलेज घाट, गाय घाट, पटना कॉलेज घाट, दीघा 95 नंबर घाट, पाटी पुल घाट, दीघा ब्रिज के पास के घाट समेत कई गंगा घाटों पर व्रतियों की सुविधा के लिए सभी व्यवस्था की गई है।

पटना के फुलवारी शरीफ स्थित प्रखंड परिसर शिव मंदिर घाट पर 20 से 25 मोहल्लों के लोगों के अलावा बिहार और बाहर के राज्यों से छठ व्रत करने के लिए महिला-पुरुष पहुंचते हैं।

जानिए किस जिले में कहां दिया जाएगा अर्घ्य

मुजफ्फरपुर में बूढ़ी गंडक नदी किनारे सीढ़ी घाट व आश्रम घाट महत्वपूर्ण घाटों में हैं। इन्हें मॉडल घाट के रूप मे तैयार किया जा रहा है। दोनों घाट शहर के सिकंदरपुर में स्थित हैं। यहां हजारों की तादाद में व्रती पहुंचते हैं। इसके अलावा, पताही के तालाब में भी सैंकड़ों व्रती पहंचते हैं।

जमुई शहर में क्यूल नदी के किनारे बने त्रिपुरारी घाट, हनुमान घाट, बिहारी घाट और खैरमा घाटों पर भारी भीड़ होती है। मलयपुर के आंजन नदी किनारे के कदमा घाट भी मुख्य घाटों में महत्वपूर्ण है। इन घाटों पर 10 से 15 हजार की भीड़ जुटती है।

समस्तीपुर शहर में बूढ़ी गंडक नदी किनारे बड़ी संख्या में लोग जुटते हैं। यहां करीब 35 घाट महत्वपूर्ण हैं। इनमें पुरानी दुर्गा स्थान घाट, नीम गालीघाट, प्रसाद घाट, लचका घाट, जितवारपुर कोठी घाट पर करीब 50 हजार से अधिक लोगों की भीड़ जुटती है।

सरयु के तट पर बसे छपरा शहर में मांझी से सोनपुर तक कई घाटों पर हजारों श्रद्धालु छठ करते हैं। मुख्य तौर पर राम घाट (मांझी), श्रीनाथ बाबा घाट (सेमरिया), गौतम ऋषि तपोस्थली घाट (गोदना), धर्मनाथ धनी, सीढ़ी घाट (छपरा) और तिवारी घाट (चिरांद) प्रमुख हैं। सभी घाटों पर एक लाख के आसपास लोग इकट्ठा होते हैं।

शेखपुरा में अरघौती पोखर छठ घाट और रतोईया नदी छठ घाट के अलावा बरबीघा नगर के मालती पोखर छठ घाट पर व्रती सूर्य को अर्घ्य प्रदान करते हैं। तीनों जगह 30 से 50 हजार श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।

जहानाबाद में संगम घाट, ठाकुरबाड़ी घाट, दक्षिणी सूर्य मंदिर, काको सूर्य मंदिर इत्यादि जगहों पर बड़ी संख्या में लोग छठ पूजा के लिए आते हैं।

रोहतास के जिला मुख्यालय सासाराम, अनुमंडल मुख्यालय डेहरी एवं बिक्रमगंज में कई महत्वपूर्ण छठ घाट हैं। सासाराम में सोन नहर के किनारे कुराइच-लालगंज घाट, डेहरी में सोन नदी के तट पर तथा बिक्रमगंज में कांव नदी के तट पर सबसे महत्वपूर्ण छठ घाट है। यहां 50 हजार से अधिक लोग छठ करने आते हैं।

नालंदा के बिहारशरीफ में पंचाने नदी किनारे कोसुक, सोहसराय सूर्य तालाब और बाबा मनीराम अखाड़ा छठ घाटों पर एक लाख के करीब लोग छठ करने आते हैं। साथ में बड़गांव और औंगारी धाम भी बेहद प्रसिद्ध छठ घाट हैं। यहां जिले ही नहीं, राज्य और देश भर से लोग अर्घ्य देने पहुंचते हैं।

बेतिया शहर के बीच में स्थित सागर पोखरा और संत घाट पर करीब एक लाख छठ व्रती पहुंचते हैं।

गोपालगंज शहर में गंडक नदी से निकली छाड़ी नदी के किनारे बने हजियापुर मोड़, वीएम फील्ड, ब्लॉक नोनिया टोली समेत कई छठ घाटों पर करीब एक लाख लोगों की भीड़ उमड़ती है।

कटिहार शहर में कारी कोसी नदी के किनारे बने कोसी छठ घाट एवं बालू पोखर घाट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु छठ करते हैं। इसके अलावा बीएमपी पोखर पर बने घाट, बड़ी दुर्गा स्थान विजय नगर के विजय बाबू पोखर पर बने छठ घाट के चारों तरफ लगभग 5000 लोग छठ करेंगे।

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Shivam

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