बिहार में मंगलवार को देश का पहला जातिगत आर्थिक सर्वे पेश किया गया है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि किस वर्ग और किस जाति में कितनी गरीबी है। रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में पिछड़ा वर्ग के 33.16%, सामान्य वर्ग में 25.09%, अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 33.58%, SC के 42.93% और ST 42.7% गरीब परिवार हैं।
बिहार सरकार ने जिन जातियों को सवर्णों में शामिल किया है, उसमें हिन्दू और मुसलमान धर्म की 7 जातियां हैं। सामान्य वर्ग में भूमिहार सबसे ज्यादा 25.32% गरीब हैं। कायस्थ 13.83% गरीब आबादी के साथ सबसे संपन्न हैं। वहीं पिछड़ा वर्ग में यादव जाति के लोग सबसे गरीब हैं।
बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को जातीय गणना की आर्थिक रिपोर्ट की कॉपी विधायकों को बांटी गई। 2 अक्टूबर को सरकार ने जातीय गणना की रिपोर्ट जारी की थी।आबादी की शैक्षणिक स्थिति की बात करें तो 7 फीसदी लोग ग्रेजुएट हैं। इधर प्रवासी बिहारियों को लेकर चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है। महज 1.22 फीसदी आबादी ही राज्य से बाहर रहती है।
सबसे गरीब भूमिहार और यादव
बिहार के सासाराम में जन्मे आकाशदीप ने शुक्रवार 23 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू…
संघ लोकसेवा आयोग की परीक्षा (UPSC Exam) की तैयारी करने वाले के बीच एक नाम…
लखनऊ के अलीगंज में रहने वाली सल्तनत परवीन ने UPPCS 2022 की परीक्षा में छठी…
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) देश में सबसे कठिन परीक्षा है। इस परीक्षा में देश…
हम आज मेघा अरोड़ा की कहानी सुनेंगे। मेघा कहती है कि उनके माता पिता बहुत…
2018 की यूपीएससी परीक्षा में सृष्टि जयंत देशमुख ने पहली बार में ही 5वीं रैंक…