मुजफ्फरपुर। खबड़ा स्थित विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में रह रहे आठ माह के रोहित कुमार को झारखण्ड के अभिभावक बबीता प्रकाश एवं चन्द्र प्रकाश द्वारा गोद लिया गया।
उन्होंने गोद लेने के लिए 2018 में रजिस्ट्रेशन करवाया था। जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक उदय कुमार झा, बाल संरक्षण पदाधिकारी चन्द्रदीप कुमार, समन्वयक अनुपमा तथा अन्य कर्मी मौके पर उपस्थित थे। जुलाई 2016 से नवंबर 2021 तक संस्थान से 43 बच्चे गोद दिये गये हैं। इसकी जानकारी डीपीआरओ कमल सिंह ने दी है।
क्या है गोद लेने का नियम :
ऐसा दंपती, जिसकी शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो, बच्चा गोद लेने के लिए पात्र हो सकते हैं। उसने कम से कम दो वर्ष का वैवाहिक जीवन व्यतीत किया हो। दोनों की आपसी सहमती जरूरी है। अलग-अलग उम्र वाले दंपती को अलग-अलग उम्र के बच्चे की पात्रता होती है। बच्चा गोद लेने के लिए केन्द्रीय दत्तक ग्रहण संस्थान प्राधिकरण की साइट पर रजिस्ट्रेशन कराना होता है। बच्चा गोद लेने के पात्र माता-पिता को बच्चा गोद दिया जाता है। एकल पुरुष अभिभावक को लड़की गोद नहीं दी जाती है। महिला अभिभावक लड़का एवं लड़की दोनों गोद ले सकती है। तीन बच्चे के बाद गोद लेने पर विशेष देखभाल वाले बच्चे मिलते हैं।
INPUT: Hindustan
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