दरभंगा ग्रामीण कार्य विभाग- टू के कार्यपालक अभियंता सह प्रभारी अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार के पास 67 लाख की बरामदगी के बाद एफडीआर योजना की जमीनी हकीकत खुलने लगी है। राज खुलने से विभाग में हड़कंप मचा है। आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने कई सड़कों की जांच की है। इसकी जानकारी न तो विभाग को दी गई और न ही संवेदकों को इसकी भनक लगी। सूत्रों की माने तो जांच टीम ने कई ऐसी सड़कों की फोटोग्राफी की है जिस पर बाढ़ का पानी चढ़ा ही नहीं।
स्थानीय लोगों से भी जानकारी ली गई। इसके बाद टीम ने सच्चाई बताने वाले लोगों का नाम और मोबाइल नंबर अंकित कर लौट गई। दूसरे दिन रविवार को टीम पटना लौट गई। इस सूचना से संबंधित अभियंता और फेक संवेदकों की बेचैनी बढ़ गई है। बताया जाता है कि दो दिन बाद फिर से जांच टीम दरभंगा पहुंचेगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
जांच में कई ऐसी सड़कें पाई गई है जिसे अलग-अलग नाम से लाखों की राशि से मरम्मत कराई गई है। बता दें कि दरभंगा अंचल के दरभंगा और मधुबनी जिले के 538 सड़कों की मरम्मति एफडीआर योजना से एक अरब 15 करोड़ की राशि से कराई गई है। अगर प्रभारी अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार की गाड़ी व आवास से 67 लाख रुपये बरामदगी नहीं होती तो एफडीआर योजना की सच्चाई कागज में ही दबा रह जाता । इसमें सबसे अधिक दरभंगा ग्रामीण कार्य विभाग टू में 227 सड़कों की 21 करेाड़ 59 लाख की राशि से सड़कों की मरम्मति हुई।
सड़क पर बाढ़ का पानी चढ़ा नहीं, कागज पर कर दी गई मरम्मत :
ग्रामीण कार्य विभगा के दरभंगा अंचल में बाढ़ के नाम पर जमकर खेल हुआ है। गांव के लोगों को पता नहीं और कागज में सड़क की मरम्मत हो गई। सिंहवाड़ा प्रखंड के बनौली, माधोपुर, फुलथुआ, बिरदीपुर गांव में ही 50 लाख रुपये से अधिक की राशि से सड़क की मरम्मत कराई गई है। बिरदीपुर-फुलथुआ-लक्ष्मीटोल सड़क की 12.50 लाख, माधोपुर-कोनी बांध-फुलथुआ की छह लाख छह हजार 912 रुपये, बनौली चौक-सोखा गहबर की तीन लाख 28 हजार 159 रुपये, जुड़ियाधार-बनौली की सात लाख, बिरदीपुर-फुलथुआ-बनौली की 12 लाख सहित कई सड़कों की मरम्मति लाखों की राशि से कराई गई है। जबकि, इनमें कई सड़कों पर बाढ़ का पानी चढ़ा ही नहीं। सबसे बड़ी बात यह कि एक ही सड़क को अलग-अलग कई नाम से उल्लेखित कर कागज पर मरम्मत कार्य को दिखाया गया है। मामला प्रकाश में आने के बाद गांव के लोग भी हैरान हैं।
प्रभारी अधीक्षण अभियंता की गाड़ी व आवास से बरामद हुई थी 67 लाख रुपये :
प्रभारी अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार अपनी स्कार्पियो गाड़ी से 28 अगस्त को पटना जा रहे थे। इस बीच मुजफ्फरपुर के कुढ़नी थाने के फकुली ओपी पुलिस ने वाहन जांच दौरान उनकी गाड़ी से 18 लाख रुपये बरामद किए थे। इसके बाद मुजफ्फरपुर पुलिस ने उनके दरभंगा आवास सहित पटना के दो घरों पर छापेमारी की थी। इस दौरान दरभंगा के बहादुरपुर थानाक्षेत्र के बरहेता रोड स्थित उनके आवास से 49 लाख रुपये के साथ लगभग दो दर्जन संपत्ति के दस्तावेज, डायरी, लैपटाप, बाउंड, सादा स्टाम्प पेपर आदि बरामद किए गए थे। इसमें भूमि व भवन से संबंधित दस्तावेज अलग-अलग नामों से मिले थे। मुजफ्फरपुर पुलिस ने सभी दस्तावेजों और लैपटाप को आर्थिक अपराध इकाई को सौंप दिया था।
अभियंता को प्राइवेट गाड़ी पर विभाग का बोर्ड लगाना पड़ेगा महंगा :
दरभंगा अंचल के प्रभारी अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार की परेशानी और बढ़ने वाली है। दरअसल, अभियंता की जिस गाड़ी से रुपये की बरामदगी हुई थी उसके ऊपर विभागीय बोर्ड लगा हुआ था। लेकिन, उक्त स्कार्पियो गाड़ी प्राइवेट नंबर की पाई गई। जांच में यह एक संवेदक के एजेंसी के नाम से पाई गई। ऐसी स्थिति में निजी वाहन में सरकारी बोर्ड लगाना परिवहन एक्ट विरूद्ध है। इसे देखते हुए बहड़ी के ठाठोपुर निवासी रविद्रनाथ सिंह ने दरभंगा डीएम को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने इसे सरकारी राशि की क्षति बताया है।
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