200 करोड़ खर्च कर Muzaffarpur जंक्शन का होगा विकास, 2 साल में Airport जैसी सुविधाओं से होगा लैश

मुजफ्फरपुर। दो सौ करोड़ रुपये से मुजफ्फरपुर जंक्शन को विश्वस्तरीय बनाने की योजना जल्द ही जमीन पर उतरेगी। इसके लिए रेल भूमि विकास प्राधिकारण (आरएलडीए) ने मैप का निर्माण कर लिया है।




मैप के अनुसार कार्य शुरू करने के लिए आरएलडीए के संयुक्त महाप्रबंधक प्रभात रंजन सिंह सोमवार को अधिकारियों के साथ जंक्शन पहुंचे। उन्होंने स्थानीय अधिकारियों के साथ निर्माण कार्यों के लिए आठ घंटों तक मंथन किया। पुनर्विकास योजना के तहत जंक्शन पर 40 मीटर चौड़ा कॉनकोर्स ब्रिज बनेगा। इस पर चार हजार यात्री ठहरेंगे। वहीं से वे ट्रेनों का इंतजार करेंगे। इस ब्रिज से एलिवेटेड सड़क जुड़ी होगी। एलिवेटेड सड़क चार मंजिला पार्किंग भवन से जुड़ी होगी। कॉनकोर्स ब्रिज से केवल यात्री प्रस्थान करेंगे। इसके दोनों साइड 40-40 फीट चौड़ा ओवरब्रिज बनेगा।


मोतिहारी व सीतामढ़ी रूट के लिए अलग-अलग टर्मिनल :
मोतिहारी व सीतामढ़ी रूट वाली ट्रेनों के लिए अलग-अलग दो टर्मिनल बनेंगे। जंक्शन पर तीन छह मंजिला भवनों का निर्माण होगा। एक दक्षिण व दो उत्तर दिशा की ओर से बनेगा। इसी भवन में रेलवे के तमाम कार्यालय संचालित होंगे। साथ ही इसी भवन में यात्रियों के लिए एसी विश्रामालय बनेगा।


76 हजार यात्रियों के ठहरने का इंतजाम :
मुजफ्फरपुर जंक्शन पर वर्ष 2061 की जरूरतों के अनुसार यात्री सुविधा विकसित की जायेगी। वर्तमान में जंक्शन पर 53 हजार यात्रियों के लिए सुविधाएं उपलब्ध हैं। वहीं 40 वर्ष बाद जंक्शन पर 76 हजार यात्रियों के ठहरने की संभावना जतायी गई है। इस संख्या को लेकर आरएलडीए ने कार्ययोजना बनायी है। यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधा देने के लिए एयरपोर्ट की तर्ज पर यात्री सुविधाएं विकसित की जायेंगी।


रेलवे खुद की राशि से करायेगा निर्माण :
जंक्शन को विश्वस्तरीय स्वरूप देने के लिए रेलवे खुद का फंड उपयोग करेगा। पीपीपी मोड के बदले ईपीसी (इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन ) के तहत कार्य होगा। अधिकारियों ने बताया कि छोटे व मझोले शहरों के जंक्शन पर निजी क्षेत्र द्वारा निवेश के प्रति अरुचि दिखा रहें है। इसे लेकर रेलवे ने ईपीसी मोड में कार्य कराने का निर्णय लिया है। जंक्शन के तीस एकड़ जमीन पर ही निर्माण कार्य होगा। रेलवे लाइन में किसी तरह का फेरबदल नहीं किया जायेगा।


दो साल में पूर्ण होगा निर्माण कार्य
आरएलडीए के देखरेख में दो साल में जंक्शन को विश्व स्तरीय बनाने के लिए कार्य योजना बनायी जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि छह माह में कार्य शुरू हो जायेगा। दिल्ली के कंस्लटेंट द्वारा मैप आदि बनी है। टेंडर प्रक्रिया के बाद निर्माण एजेंसी कार्य शुरू कर देगी। छह माह में कार्य शुरू होने के अनुमान है। निर्माण कार्य के दौरान ट्रेनों का परिचालन सामान्य रुप से जारी रहेगा। निर्माण कार्य में रेलवे के विभिन्न विभागों का सहयोग रहेगा।

INPUT: Hindustan

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