मुजफ्फरपुर आंखफोड़वा कांड : ऑपरेशन में तय मानकों की हुई अनदेखी, अस्पताल को बंद रखने की अनुसंसा

मुजफ्फरपुर के निजी क्षेत्र के आई अस्पताल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के दौरान अस्पताल द्वारा आंख के ऑपरेशन को लेकर निर्धारित मानकों का पालन नहीं किया गया।




निर्धारित मानकों की अनदेखी का नतीजा यह हुआ कि संक्रमण के कारण कई लोगों की आंखों की रौशनी चली गई और कई की आंखें निकालनी पड़ गईं। शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित जांच टीम मुजफ्फरपुर से पटना लौट गई और अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत को सौंप दी।


विस्तृत जांच रिपोर्ट माइक्रोबायोलॉजी लैब में जांच के लिए भेजे गए ऑपरेशन थिएटर से एकत्र किए गए सैम्पल और उपकरणों से लिए गए सैम्पल की रिपोर्ट मिलने के बाद सौंपी जाएगी। विभाग की ओर से गठित इस जांच टीम का नेतृत्व नेत्र रोग के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ हरिश्चंद्र ओझा ने किया। इस टीम में पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सहायक प्राध्यापक डॉ. सुनील कुमार परमार और तकनीकी सहायक राजेन्द्र प्रसाद शामिल थे।


स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट के साथ ही मुजफ्फरपुर के असैनिक अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के नेतृत्व में स्थानीयस्तर पर गठित चार सदस्यीय जांच टीम की रिपोर्ट भी संलग्न कर सौंपी है। जांच टीम की रिपोर्ट के अनुसार आई अस्पताल में मरीजों के लिए बेड काफी सटे हुए लगाए गए थे, ऑपरेशन थियेटर में टेबलों की संख्या भी मानक से अधिक थी।


रिपोर्ट में पीड़ितों से बातचीत में मिली जानकारी का भी उल्लेख किया गया है। रिपोर्ट में एक दिन में ही आंख के मोतियाबिंद के 65 ऑपरेशन किये जाने, ऑपरेशन के बाद मरीजों की आँखों मे जलन और पानी आने की समस्या, मवाद भर जाने और फिर 15 मरीजों की एक-एक आंख के निकाले जाने का भी उल्लेख किया गया है। मोतियाबिंद के ऑपरेशन कराने वाले सभी मरीजों की सूची भी सौंपी गई है।


अस्पताल को फिलहाल बंद रखने की अनुशंसा
जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में फिलहाल आई अस्पताल को बंद रखने की अनुशंसा की गई है। इसके साथ ही, जिला प्रशासन द्वारा आई अस्पताल के चिकित्सक और कर्मियों के खिलाफ स्थानीय थाना में दर्ज कराई गई प्राथमिकी की भी जानकारी दी गई है।


आईजीआईएमएस में इलाज की निःशुल्क व्यवस्था के निर्देश
जानकारी के अनुसार मुजफ्फरपुर से सभी आंखों के ऑपरेशन कराने के बाद पीड़ित मरीजों को आईजीआईएमएस, पटना में लाकर निःशुल्क इलाज करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके आधार पर एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर से मरीजों को लाये जाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई।

INPUT: hindustan

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