Muzaffarpur सदर अस्पताल को PM केयर फंड से मिले थे 5 वेंटिलेटर, 2000 रुपए रोज के किराए पर निजी अस्पताल को दिया, अबतक नही मिली किराए की फूटी कौड़ी

कोरोना की दूसरी लहर में मरीजों की जान बचाने के लिए सदर अस्पताल को पीएम केयर फंड से 5 वेंटिलेटर मिले थे, लेकिन इसे एमसीएच बिल्डिंग में बने कोरोना वार्ड की ICU में लगाने के बदले जूरन छपरा स्थित निजी अस्पताल को सदर अस्पताल प्रबंधन ने 2000 रुपए रोज के किराए पर दे दिया। एमसीएच में मरीजों की मौत का सिलसिला बढ़ने के बाद उसमें आईसीयू बनाई गई थी।




लेकिन वेंटिलेटर नहीं होने से आईसीयू में उसे इंस्टॉल नहीं किया जा सका। हालांकि, इसके कुछ दिनों बाद से कोरोना संक्रमण जिले में कम होता गया। उसके बाद किराए पर दिए इस वेंटिलेटर को वापस लाना विभाग भूल गया। जिले में कोरोना संक्रमण खत्म होने के 6 माह बाद वेंटिलेटर तो वापस आ गया। लेकिन विभाग को फूटी कौड़ी तक निजी अस्पताल से नहीं मिली।


अब एक साल बाद सिविल सर्जन ने वेंटिलेटर का किराया वसूलने के लिए पत्र लिखा है। उक्त अस्पताल को वेंटिलेटर का किराया इस्तेमाल किए गए दिन के हिसाब से देने का निर्देश दिया है। इस बाबत सिविल सर्जन ने बताया कि वेंटिलेटर को निजी अस्पताल से मंगा लिया गया है। वहीं, किराया भुगतान के लिए अस्पताल प्रबंधन को निर्देश दिया गया है। उस वक्त एमसीएच में बने कोरोना वार्ड में वेंटिलेटर की जरूरत नहीं थी।


दिल्ली के उद्योगपति को मुजफ्फरपुर में वैक्सीन!
मुजफ्फरपुर में भी दिल्ली के एक बड़े उद्योगपति को कोरोना का टीका देने का मामला गुरुवार को सामने आया। सिविल सर्जन ने इसकी जांच की तो पाया कि यह मामला मुजफ्फरपुर से नहीं जुड़ा है। उन्होंने बताया कि दिल्ली के एक उद्योगपति को मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल में वैक्सीन देने का मामला सामने आया था। जांच में मामला फर्जी पाया गया है। जिले के किसी भी टीकाकरण केंद्र पर इस प्रकार का मामला सामने नहीं आया है। आईटी फ्रॉड इस तरह के फर्जी सर्टिफिकेट निकाल रहे हैं।


क्षेत्रीय कार्यालय में डेडिकेटेड कोरोना वार्ड पर बिहार बोर्ड और स्वास्थ्य विभाग आमने-सामने
मोतीझील में बीबी कॉलेजिएट के पीछे स्थित बिहार बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय में बनाए गए 220 बेड के डेडिकेटेड कोरोना वार्ड को लेकर बिहार बोर्ड और स्वास्थ्य विभाग आमने-सामने आ गया है। बोर्ड जहां ऑनलाइन परीक्षा व अन्य कार्यों में असुविधाओं का हवाला देकर डेडिकेटेड कोरोना वार्ड को हटाने की मांग कर रहा है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के कारण संभावित तीसरी लहर का हवाला देते हुए इसे नहीं हटाने की बात कह रहा है। दोनों का पक्ष सुनने के लिए गुरुवार को डीएम प्रणव कुमार ने बैठक बुलाई। इसमें सिविल सर्जन डॉ. विनय कुमार शर्मा ने मार्च तक यथावत रहने देने की बात कही। मामले में मार्गदर्शन के लिए मुख्यालय को अनुशंसा की गई है।


बिहारशरीफ में तीन इंटर्न डॉक्टर हुए पॉजिटिव
विम्स में गुरुवार को तीन नए इंटर्न डॉक्टरों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। बुधवार को भी विम्स के एक इंटर्न डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव मिले थे। वे दिल्ली से वापस विम्स आए थे। आरटीपीसीआर जांच में वे पॉजिटिव मिले थे। उनके संपर्क में आने वाले 86 लोगों का सैंपल लिया गया था।

INPUT: Bhaskar

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