पटना : बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र कुमार धीरज की सिपाही संख्या 2177 है, मगर काली कमाई में वह कइयों से आगे निकला। वह पटना जिला पुलिस बल में सिपाही है और करीब 33 साल दो माह से पुलिस सेवा में हैं। ईओयू अधिकारियों के अनुसार, विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, उन्हें धीरज की काली कमाई से जुड़ी जानकारी मिली थी। सूचना का सत्यापन होने व पुष्टि होने के बाद कार्रवाई की गई है। ईओयू की टीमों की छापेमारी में पटना, अरवल और आरा में अभी तक नौ करोड़ 47 लाख 66 हजार 745 रुपये से अधिक की परिसंपत्ति अर्जित किए जाने के की जानकारी मिली है, ये धीरज की वास्तविक आय से करीब 544 फीसद अधिक है।
नरेंद्र की 13 मई, 1988 को नालंदा जिला बल में नियुक्ति हुई थी। उसका पैतृक आवास भोजपुर के सहार थाना अंतर्गत मुजफ्फरपुर गांव है। ईओयू के अनुसार, सेवा में आने से पूर्व नरेंद्र के पास करीब तीन से चार बीघा पुश्तैनी जमीन थी। उस समय सभी भाई इस पर ही आश्रित थे। आज भी संयुक्त परिवार में नरेंद्र के अतिरिक्त कोई अन्य लोक सेवक या सरकारी सेवक नहीं है। इसके बावजूद उनके भाइयों के पास करोड़ों रुपये की संपत्ति मिली है।
इन ठिकानों पर हुई छापेमारी
– पटना में बेउर स्थित महावीर कॉलोनी स्थित आवास।
– भोजपुर जिले के सहार थाना अंतर्गत मुजफ्फरपुर गांव स्थित पैतृक आवास।
– अरवल के अरोमा होटल के सामने स्थित धीरज के भाई अशोक कुमार का मकान।
– आरा शहर के भिलाई रोड, कृष्णानगर स्थित भाई सुरेंद्र सिंह का मकान और भाई विजेंद्र कुमार विमल का मकान।
– नरेंद्र कुमार धीरज के भाई श्यामविहार सिंह के नारायणपुर आरा स्थित मॉल व आवासीय मकान।
– धीरज के भतीजे धर्मेंद्र कुमार की अनाइठ, आरा में आशुतोष ट्रेडर्स नामक दुकान।
– आरा के नारायणपुर में भाई सुरेंद्र कुमार सिंह के छड़ सीमेंट की दुकान एवं आवास।
INPUT: JNN
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