मुजफ्फरपुर में पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा और राजस्व मंत्री रामसूरत राय में जुबानी जंग, STP निर्माण कार्य रुकवाने का आरोप

मुशहरी मनिका मन मे STP निर्माण कार्य को लेकर पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा और राजस्व मंत्री रामसूरत राय के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है। पूर्व मंत्री ने कहा कि जल जमाव की समस्या से शहर को निजात नहीं मिला है। मुशहरी के मणिका मन में STP का निर्माण होना था। शहर का सर्वाधिक 22.5 MLD पानी निकलना था। उसका निर्माण नहीं हो सका।




उन्होंने कहा कि राजस्व मंत्री राम सूरत राय ने राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता को लेकर उक्त जमीन को शवदाह की जमीन बताकर निर्माण कार्य पर रोक लगा दिया। जबकि, तत्कालीन DM ने उक्त जमीन को अपनी रिपोर्ट में बिहार सरकार की गैर मजरुआ जमीन बताया था। अब नाले का निर्माण बडे पैमाने पर कराया जा रहा है। लेकिन, इसका आउट फॉल कहां होगा। इसकी जानकारी नहीं है। 183 करोड़ रुपये का क्या होगा? इसके बंदरबांट का जिम्मेदार कौन होगा? इसके अलावा खबड़ा और तिरहुत कैनाल में भी STP का निर्माण होना था। सिर्फ तिरहुत कैनाल स्थित STP का निर्माण चल रहा है। यह सबसे छोटा एसटीपी है। आगे कई सालों तक शहर जल जमाव की समस्या से जुझेगा। इसके लिए मंत्री, नगर निगम के अधिकारी, पदाधिकारी व इंजीनियर जवाबदेह होंगे।


मंत्री बोले- पूर्व मंत्री को ज्ञान की कमी
इधर, पूर्व मंत्री के आरोप पर बिहार सरकार के राजस्व एवम भूमि सुधार मंत्री राम सूरत राय ने कहा कि पूर्व मंत्री को ज्ञान की कमी है। दूसरे के बहकावे में नहीं आएं। मणिका मन की जमीन शवदाह की जमीन है। गैर मजरूआ जमीन नहीं है। इसका उल्लेख तत्कालीन DM की रिपोर्ट में भी है। मंत्री ने कहा कि उनसे कई लोगों ने भी शिकायत की। इसके बाद उसकी फाइल मंगवाकर इसका अध्ययन किया। फिर जाकर पूर्व के आदेश को ही जारी किया। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व मंत्री का क्षेत्र और विभाग दोनों अलग है। यह मामला उस वक्त का है, जब वे मंत्री थे। उनके चुनाव हारने के बाद वे चुनाव जीते और मंत्री बनाए गए।



सरकारी राशि का हो रहा बंदरबांट

पूर्व मंत्री ने कहा कि निगर निगम भ्रष्टाचार व सरकारी राशि के बंदरबांट का अड्डा बना हुआ है। स्मार्ट सिटी का एक भी काम प्लानिंग से नहीं हो रहा है। सरकारी राशि की बर्बादी हो रही है। पीने के पानी की समस्या बरकरार है। निगम में रिश्वत का प्रचलन है। दो कंपनियां पहले ही काम छोड़कर जा चुकी है। 49 वार्ड में पानी टंकी से पानी पहुंचाना था। राशि भी दी गई। लेकिन, अब तक भवन का रंगरोगन कर बाकी काम छोड़ दिया गया। 12 पानी टंकी में से सिर्फ एक चालू है।


सरकार ध्यान नहीं देगी तो होगा आंदोलन
उन्होंने कहा कि सरकार इस पर ध्यान नहीं देगी तो धरना, अनशन और निगम में हल्ला बोल आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी के तहर गैस पाइप लाइन, सीवरेज व अन्य कार्य को लेकर निर्माण चल रहा है। शहर के अधिकांश हिस्सों में सड़क को काट दिया गया है। इससे सरकार को करीब 300 करोड़ से अधिक की क्षति होगी। इसके लिए जिम्मेदारी तय करें और सरकार उन पर FIR दर्ज कर कार्रवाई करें। मुख्यमंत्री को भी जानकारी देने की बात कही है।

INPUT: Bhaskar

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