बिहारी जुगाड़: 6 फ़ीट जमीन पर बना डाला 5 मंजिला मकान, तस्वीरें देख आप भी हो जाएंगे हैरान….

बिहार के मुजफ़्फ़रपुर में बना अजूबा घर वायरल हो रहा है। गन्नीपुर में सड़क किनारे बना पांच मंजिला मकान देख कर लोग कह रहे हैं, घर बनाने वालों को 21 तोपों की सलामी देनी चाहिए। सड़क किनारे बना घर लोगों के लिए आकर्षण केंद्र बन गया है।




दूर-दूर से लोग इस घर को देखने आ रहे हैं। वहीं कुछ लोग इस घर को बिहार का एफिल टॉवर की संज्ञा दे रहे हैं तो कुछ लोग अजूबा घर बता रहें । बिहार से बाहर से लोग इस मकान को देखने आ रहे हैं। इसके साथ ही हैरान भी हैं कि इतने कम ज़मीन में एक पूरा फ़्लैट कैसे तैयार हो गया।



कमरे की चौड़ाई 5 फ़ीट और लंबाई 11 फ़ीट
सड़क के किनारे 6 फुट जमीन पर बना 5 फीट चौड़ा 5 मंजिला मकान की बनावट भी बहुत ही अनोखी है। पांच मंजिले इमारत के आधे हिस्से में सीढ़ियां तो आधे हिस्से में घर बना हुआ है। 20 फीट लंबाई और 5 फीट चौड़ाई वाले घर को एक कमरे वाले फ्लैट का शक्ल दिया गया है।



इस फ्लैट में किचने और शौचालय भी है। ग़रौतलब है कि किचन और शौचालय का निर्माण ढाई बाय साढ़े तीन फीट में ही किया गया है। कमरे की चौड़ाई 5 फीट और लंबाई 11 फीट है। बैचलर के लिए यह एक शानदार फ़्लैट है।



संतोष और अर्चना ने ख़रीदी थी यह ज़मीन
अजूबे फ्लैट के निचले फ्लोर को हॉल का शक्ल देते हुए ऊपर जाने के लिए सीढ़ियां बनाई गई हैं। स्थानीय लोगों ने बताया की 6 फ़ीट चौड़े और 45 फीट लंबे ज़मीन के टुकड़े को संतोष और अर्चना ने शादी के बाद खरीदा था। ज़मीन की चौड़ाई सिर्फ़ 6 फीट होने की वजह से कई वर्षों तक ज़मीन पर कुछ भी नहीं बनवाया गया था।



ज़मीन की चौड़ाई कम होने की वजह से लोगों ने संतोष को ज़मीन बेचने की सलाह भी दी थी। संतोष और अर्चना ने शादी के यादगार के तौर पर ज़मीन को नहीं बेचने का फ़ैसला लिया। इसके बाद दोनों ने इसी ज़मीन पर मकान बनाने के लिए नक्शा लेकर निगम के इंजीनियर से पास करवाया।



2012 में पास हुआ था मकान का नक्शा
मकान का नक्शा 2012 में पास हुआ और 2015 में मकान बनकर तैयार हुआ। ग़ौरतलब है कि नये बिल्डिंग बायलॉज से पहले मकान का नक्शा पास हुआ था। इसके ताबिक ज़मीन जितनी थी उसी पर मकान बनाना था। यहां तक की ज़मीन के बाहर खिडकी खोलने की भी इजाज़त नहीं थी।



मेन सड़क और आस पास मकान नहीं बने होने की वजह मकान हर एंगल से पूरी तरह नज़र आता है। मकान के आस-पास कोई और बिल्डिंग नहीं होने से यह मकान अपने आप में ही अजूबा लगता है। कलमबाग चौक से गन्नीपुर के रास्ते जा रहे राहगीर रुक कर एक नज़र मकान को ज़रूर देखते हैं। मकान का पिछले 3 सालों से व्यवसायिक इस्तेमाल भी किया जा रहा है।


INPUT: oneindia.com

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