मुजफ्फरपुर, जासं। देश व राज्य में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के देखते हुए सिविल सर्जन डा. उमेशचंद्र शर्मा ने मंगलवार को जंक्शन पर औचक निरीक्षण किया। उन्होंने स्वास्थ्यकर्मियों से जानकारी ली।
रेल प्रशासन से अपेक्षाकृत सहयोग नहीं मिलने की बात सामने आने पर आरपीएफ इंस्पेक्टर पीएस दुबे और जीआरपी थानाध्यक्ष दिनेश कुमार साहु के साथ कोविड इंचार्ज मनोज कुमार सिंह के साथ बैठक की। उन्होंने रेल पुलिस से सहयोग की अपील की। कहा कि दिल्ली, मुंबई से आने वाले सभी यात्रियों की जांच आवश्यक है। खासकर मुंबई की तरफ से आने वाली पवन एक्सप्रेस, अवध एक्सप्रेस सहित कई साप्ताहिक ट्रेनों की कोरोना जांच का आग्रह किया। पुलिसकर्मियों ने स्टेशन का एरिया खुले होने की जानकारी दी। उन्होंने कहा, ट्रेन आने के बाद यात्री रुकना नहीं चाहते। उनको थोड़ी देर रोकना होगा। तब जाकर सभी यात्रियों की जांच हो सकेगी। कुछ स्वास्थ्यकर्मियों ने सीएस के सामने अपनी समस्या रखी।
कल से एंटीजन किट से शुरू होगी जांच
स्टेशन पर आरटीपीसीआर से जांच में यात्रियों को रिपोर्ट मिलने में तीन से चार दिन लग जाते हैं। डीएम के आदेश पर कल से स्टेशन के कुछ जांच केंद्रों पर स्वास्थ्यकर्मी एंटीजन किट से भी जांच करेंगे। अगर यात्रा करने वाले लोग एंटीजन से जांच करा कर जाएंगे तो इससे कोरोना संक्रमण को रोकने में मदद मिलेगी।
बस अड्डों पर जांच की व्यवस्था नहीं
मुजफ्फरपुर। सरकारी व निजी बस अड्डों पर कोरोना जांच को नजरअंदाज किया जा रहा है। इमलीचट्टी स्थित बिहार राज्य पथ परिवहन निगम एवं बैरिया स्थित बस पड़ाव में प्रतिदिन अन्य प्रदेशों से काफी संख्या में लोग आ रहे हैं, लेकिन इन जगहों पर यात्रियों की जांच के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। लोग यहां से जिले के अन्य क्षेत्रों में जा रहे हैं। जांच नहीं होने से संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। पथ परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक आशीष कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा यहां कोरोना जांच कैंप लगाया जाता है, मगर दो-तीन दिनों से कैंप नहीं लग रहा है। वहीं बैरिया बस स्टैंड का भी यहीं हाल है। वहां से प्रतिदिन रांची-टाटा से लेकर दिल्ली व सिलीगुड़ी के लिए दर्जनों गाडिय़ां आती-जाती हैं, लेकिन वहां एक भी जांच केंद्र की व्यवस्था नहीं है।