हाय रे सुशासन ! रोजगार के लिए परेशान है मनरेगा मजदूर, गांव में गरज रही JCB मशीनें, खबर संकलन के दौरान पत्रकार पर दबंगों का ह’मला

नवादा में नारदीगंज प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न पंचायतों अंतर्गत गांवों मे संपर्क मार्ग निर्माण की बात हो या बड़े स्तर की खुदाई मजदूरों के स्थान पर जेसीबी से धरल्ले से कराई जा रही है। इसी में से एक कहुआरा पंचायत का ताजा मामला सामने आया है जहां के नवनिर्वाचित मुखिया दिनेश कुमार के कार्यकाल में रात के अंधेरे में चल रही जेसीबी मशीन गरीबों के हक की मजदूरी छीन रही है।

 

गरीब ग्रामीणों को रोजगार और रोटी देने के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही मनरेगा योजना जिम्मेदारों की मनमानी की भेंट चढ़ गई है। यहां देर रात जेसीबी मशीन से खुदाई की जा रही जबकि नियमानुसार यह काम गांव के मनरेगा जॉब कार्ड धारकों के माध्यम से होना चाहिए था। एक तरफ सरकार ने ग्राम पंचायतों में ग्रामीणों को रोजगार के लिए महानगरों की ओर पलायन ना करें उसके लिए ग्रामीणों को रोजगार गारंटी योजना के तहत रोजगार मुहैया करवाया जा रहा है। किंतु इस योजना में भी ग्राम पंचायतों के जिम्मेदार इस आपदा को अवसर बनाकर अपनी तिजोरी तो भर ही रहे हैं । वही बेरोजगार ग्रामीणों के हक पर डाका डालते हुए उनसे रोजगार भी छीन रहे हैं। जिसके चलते मजदूरों को रोजगार से वंचित रहना पड़ रहा है।

 

वही मनरेगा अधिकारी अपना स्वार्थ साधते हुए शासन के नियमों का उल्लंघन भी कर रहे हैं। हालांकि रात के अंधेरे में या दिन के उजाले में दबंगई से काम कराए जाने को लेकर ग्रामीणों में खासा आक्रोश है। यदि कोई पत्रकार रात में इस खबर को कवर करने के लिए जाता है तो दबंगों द्वारा पत्रकार की पिटाई कर दी जाती है और देसी कट्टा दिखाकर जान से मारने की धमकियां भी मिलती है !

 

 

जनप्रतिनिधि रात के अंधेरों में ही प्रशासनिक अधिकारियों की आंखों में धूल झोंकने को आमादा है और अपने कारनामों को अंजाम दे रहे है। अब देखना यह है कि नारदीगंज प्रखंड के कहुआरा पंचायतों में मनरेगा मजदूरों के हकमारी पर संबंधित अधिकारी कब संज्ञान लेते हैं?

 

सोनू सिंह की रिपोर्ट

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