मुजफ्फरपुर। सावन के दूसरे सोमवार को दो लाख से अधिक कांवरियों ने बाबा गरीबनाथ पर जलाभिषेक किया। कांवरिये हरहर महादेव का जयकारा लगाते बाबा नगरी पहुंचे।
पहलेजा धाम में 10 हजार से अधिक डाक बम को कलाई बैंड वितरण के बाद खत्म हो गया। उसके बाद हजारों डाक बम ऐसे ही चल दिए। अब तीसरे सोमवार पर डाक बम के लिए विशेष व्यवस्था रहेगी। दूसरे रंग का कलाई बैंड अधिक मात्रा में पहलेजा भेजा जाएगा। वैशाली जिले के भगवानपुर और गौरौल प्रखंड से आए 251 और 151 फीट कावंर लेकर आने वाले श्रद्धालु आकर्षण का केंद्र बने रहे।
एक बार 65 भक्त कंधा लगाते
पहलेजाघाट से पवित्र गंगाजल लेकर 251 फीट लंबे कांवर को लेकर 75 किलोमीटर की पदयात्रा कर पहुंचे श्रद्धालु रामप्रवेश सिंह ने बताया कि सभी श्रद्धालुओं को यहां आने में तीन दिन लगा, लेकिन बारी-बारी से उन्हें इस अलौकिक कांवर यात्रा में शामिल होने का मौका दिया जाता है।
इसमें एक बार 65 भक्त कंधा लगाते हैं। लंबा कांवर लेकर पैदल चलना काफी कठिन होता है। लगातार चलने से पैर में छाले पड़ जाते हैं। भोलेनाथ की ऐसी महिमा है कि सब कुछ पार लगा देते हैं। बोल बम का नारा लगाते ही सब कष्ट दूर जाता है। उन्होंने कहा कि जहां-जहां से गुजर रहे थे।
कांवर देखने के लिए भीड़ उमड़ रही थी। स्वयंसेवकों के सहयोग से लोगों को हटाया गया। इस दौरान कई बार लोगों ने फोटो भी लिए। कई लोग वीडियो भी बनाए। कुछ लोग कांवर के साथ फोटो लेते रहे। वहीं 151 फीट कांवर लेकर पहुंचे वैशाली जिले के गोरौल प्रखंड के श्रद्धालु विकास कुमार ने बताया कि तीन साल बाद कोरोना काल से थोड़ी राहत मिली है। कोविड काल में बाबा गरीबनाथ मंदिर बंद रहने से कांवर लेकर नहीं जा सके। इस बार हमलोग काफी उत्साहित हैं। भरोसा है कि इस बार संक्रमण से बाबा मुक्ति दिला देंगे।
21 वर्षों से डाक बम के रूप में बबलू सिंह करते जलार्पण
वैशाली जिले के भगवानपुर प्रखंड के हरपुर कस्तूरी गांव निवासी बबलू सिंह पहले सोमवार को डाक बम कांवर लेकर सबसे पहले पहुंचने वाले कांवरिया थे। दूसरे सोमवार को भी उन्होंने डाक बम के रूप में बाबा गरीबनाथ पर पहला जलार्पण किया।
बताया कि 2001 से सावन महीने में प्रत्येक सोमवार को डाक बम के रूप में अपनी यात्रा पूरी कर भगवान भोलेनाथ के दर पर पहुंचते हैं। उनके पिता पिता श्यामचंद्र सिंह सेवानिवृत्त शिक्षक हैं। प्रत्येक सोमवार को पहलेजा घाट से गंगाजल उठाकर पूरे जोश के साथ 65 किमी की दूरी तय कर बाबा गरीबनाथ के नगरी पहुंचते है।
इनकी खासियत है कि प्रथम डाक बम के रूप में जल चढ़ाते हैं। डाक यात्रा के दौरान रविवार को दोपहर पांच बजे मुजफ्फरपुर के सीमा में बलिया चौक पहुंच गए। 10 घंटे में बाबा नगरी में जलार्पण करते हैं।
INPUT: JNN