स्मार्ट सिटी योजनाओं को पूरा करने के लिए एजेंसियों को तारीख पर तारीख मिलती रही लेकिन एक भी काम पांच साल में पूरा नहीं हुआ। स्मार्ट सिटी कंपनी के प्रबंध निदेशक आशुतोष द्विवेदी ने एक बार फिर फेस लिफ्टिंग का कार्य कर रही एजेंसी को सरैयागंज टावर के जीर्णोद्धार का काम दस दिनों में पूरा करने का समय दिया है।
अब देखना है कि यह कार्य तय तारीख तक पूरा हो पाता है या चेतावनी के साथ फिर नई तारीख तय होगी। कई योजनाओं को पूर्व मिली तारीख समाप्त हो चुकी है और एजेंसी ने स्मार्ट सिटी कंपनी को नई तारीख देने के लिए आवेदन दिया है। पांच साल से स्मार्ट सिटी में रहने का सपना देख रहे शहरवासियों को अब उस तारीख का इंतजार है जब योजना पूरा हो जाए और शहरवासी उसके उद्घाटन समारोह में शामिल हो सके।
20 योजनाओं काम चल रहा
शहर में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 900 करोड़ रुपये की 20 योजनाओं काम चल रहा है। अलग-अगल एजेंसियां इन कार्यों को कर रही है। सभी कार्यों को पूरा करने के लिए समय सीमा तय की गई थी। लेकिन अधिकांश योजनाओं की तय समय सीमा समाप्त हो चुकी है लेकिन कोई भी काम पूरा नहीं हो सका है। सिकंदरपुर में 19.36 करोड़ की लागत से बन रहे मल्टी परपज स्पोटर्स स्टेडियम को पूरा करने की तय समय सीमा 22 मई को ही समाप्त हो चुका है। काम कर रही एजेंसी को अतिरिक्त समय दिया गया लेकिन अभी आधा काम भी नहीं हुआ है।
एजेंसियों को फटकार लगाई जा रही
एजेंसी काम को पूरा करने के लिए नयी तारीख मांग रहा है। इसी प्रकार 21.1 करोड़ की पेरीफेरल रोड एवं 42.5 करोड़ की स्पाइनल रोड को पूरा कराने की समय सीमा 24 मार्च को ही समाप्त हो चुकी है लेकिन एजेसी सड़क तो दूर अभी नाला निर्माण का कार्य भी पूरा नहीं हो पाया है। एजेंसी को काम पूरा करने के लिए अतिरिक्त समय दिया गया लेकिन उसमें भी काम तेजी से नहीं किया गया। अधिकांश योजनाओं का यहीं हाल है। अधिकारियों द्वारा काम पूरा नहीं होने पर एजेंसियों को फटकार लगाई जा रही है, कुछ एक पर जुर्माना भी लगाया गया है। काम को तेजी से पूरा करने को सख्त चेतावनी भी दी गई है। उसके बाद एजेंसी को काम पूरा करने के लिए नये सिरे से समय सीमा तय की गई लेकिन एजेंसियों ने न ही आदेश-निर्देश का पालन किया और नही ं काम में तेजी लाया।
तेजी से काम करने का सख्त निर्देश
बीबी गंज के ब्रजेश कुमार सिंह ने कहा कि पांच साल से हम स्मार्ट सिटी का इंतजार कर रहे है लेकिन सिर्फ यह होगा वह होगा सुनते जा रहे है। कभी जनवरी में काम पूरा हो जाएगा तो कभी छह माह में । लेकिन काम नहीं हुआ। रघुवंश रोड के अल्का वर्मा ने कहा कि स्मार्ट सिटी के नाम पर बड़ी-बड़ी बात होती है। शहर की सूरत एवं सीरत बदल देने का दावा किया जाता है। लेकिन सब छलावा है। हमें उस तारीख का इंतजार हे जब योजनाएं जमीन पर उतर जाए। निगम प्रशासक आशुतोष द्विवेदी ने कहा कि कार्य कर रही एजेंसियों को लापरवाही बरतने पर चेतावनी दी गई है। उनको तेजी से काम करने को सख्त निर्देश दिए गए है। चल रहे कार्य पर लगातार नजर रखी जा रही है।