श्रेया को खोजने वाले को मिलेगा 51 हजार का इनाम: दो महीने बाद भी नहीं मिला सुराग, परिजनों ने जगह-जगह लगाए पोस्टर

मुजफ्फरपुर जिले के तुर्की ओपी क्षेत्र के कफेन स्थित अपने नानी के घर से दो महीने पहले लापता हुई श्रेया उर्फ खुशी (15) का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। उसके पिता गिट्टी-बालू कारोबारी चंद्रमणि ललन ने खुशी को खोजने वाले को 51 हजार रुपए इनाम देने की घोषणा की है। खुशी की फोटो के साथ जगह- जगह उसका पोस्टर लगाया गया है। ताकि कोई उनलोगों तक उसे खोज कर ला सके। बेटी के लापता होने से उसके पिता और मां का हाल बेहाल है। दो महीने से दोनों ने ठीक से खाना तक नहीं खाया है। कई बार इस वजह से बीमार भी पड़े और डॉक्टर को बुलाना पड़ा। पिता ने अपनी बेटी से अपील करते हुए कहा की तुम जहां भी आ जाओ। हमसे अगर कोई अनजाने में गलती हुई है तो हमें माफ कर दो।

 

सुसाइड नोट छोड़कर गई थी

 

श्रेया CBSE से मैट्रिक की छात्रा है। उसका रिजल्ट आया था। जिसमे उसे काफी 59% अंक आए थे। 23 जुलाई की रात वह एक सुसाइड नोट छोड़कर घर से निकल गई। इसमें लिखा था की आई एम सॉरी, मुझे अब इस दुनिया से जाना होगा। अगली सुबह में सुसाइड नोट देखकर परिजन के होश उड़ गए। मामला पुलिस तक पहुंचा। पुलिस ने छानबीन शुरू की। कई जगहों और विभिन्न स्टेशनों पर लगे फुटेज को खंगाला गया। इसमें श्रेया स्टेशन पर बैठी हुई दिखी। यह देखकर परिजन को थोड़ी तसल्ली हुई की वह जीवित है।

 

मधुबनी स्टेशन पर दिखी अंतिम बार

 

श्रेया के मामा प्रीतम कुमार ने बताया की वह अंतिम बार मधुबनी स्टेशन पर दिखी। इससे पहले समस्तीपुर, दरभंगा और जयनगर समेत कई स्टेशनों पर दिखी थी। उसके आसपास कोई लड़का नहीं था। घंटो तक वह स्टेशन पर बैठी रहती। फिर किसी ट्रेन में चढ़कर निकल जाती थी। मधुबनी स्टेशन पर उसने GRP के एक पुलिसकर्मी से कुछ पूछा भी था। फुटेज देखकर वे लोग उस पुलसिकर्मी से पूछने गए की श्रेया ने क्या पूछा था। लेकिन, उसने कहा की उसे कुछ याद नहीं है। यह कहकर उसने पल्ला झाड़ लिया। मधुबनी से वह दरभंगा जाने वाली ट्रेन में चढ़ी थी। लेकिन, दरभंगा तक वे लोग विभिन्न स्टेशनों पर फुटेज देखते हुए पहुंचे। इस दौरान करीब 18 दिन लग गए। दरभंगा स्टेशन पर बताया गया की यहां आठ दिन से अधिक का फुटेज नहीं रहता है। अब वे लोग फिर शून्य पर पहुंच गए।

 

फ्रॉड ने झांसा दे ऐंठ लिए रुपए

 

दुर्गा पूजा के दौरान एक अनजान नंबर से कॉल आया था। कॉल करने वाले युवक ने दवा किया की श्रेया हैदराबाद में है। वह एक पेंटर के साथ है। उसे वहां तक पहुंचने के लिए कुछ रुपए चाहिए। यह कहकर उसने दो हजार रुपए श्रेया के पिता से एकाउंट पर मंगवा लिया। फिर अगले दिन कॉल कर कहा की वह जहां पर थी वहां से उस पेंटर के साथ काम करने पचास किलोमीटर दूर एक अपार्टमेंट में गई है। वहां जाने के लिए उसके पास पैसा नहीं है। फिर दो हजार रुपए मंगवा लिया। पैसा भेजने के बाद युवक ने कहा की आप जो रुपया भेजें हैं वह नहीं पहुंचा है। श्रेया के पिता ने उसे स्क्रीन शॉट भी भेजा। पर उसने नहीं माना और फोन स्विच ऑफ कर लिया। ये नंबर उन्होंने पुलिस को दिया। पुलिस ने लोकेशन खंगाला तो पता लगा की यह बरौनी का नंबर है। पुलिस ने कहा की आपके साथ किसी ने फ्रॉड किया है। यह कहकर पुलिस भी चुप बैठ गई। अब परिजन इधर उधर भटक रहे हैं।

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