बिहार के कैमूर जिले की पुलिस ने बच्चा तस्करी गिरोह से डेढ़ साल के बच्चे को बरामद किया है। साथ ही इस गैंग की लेडी सरगना और उसके 7 साथियों को धर दबोचा है। बरामद हुआ बच्चा सिलबट्टा बेचने वाले दंपत्ति का है। जिसका 14 जून को बाइकसवारों ने अपहरण कर लिया था। बच्चे को बेलांव थाना क्षेत्र के सैंथा गांव से बरामद किया गया है।बुधवार की रात पुलिस ने अपराध में इस्तेमाल की गई एक बाइक, एक एसयूवी और पांच मोबाइल फोन भी बरामद किए।
कुदरा रेलवे ओवर ब्रिज के नीचे अस्थायी टेंट में रहकर सिलबट्टा बेचने वाले गरीब दंपत्ति जितेंद्र और बेबी के बेटे रुद्र को बाइक सवार अपराधी उठा ले गए थे। इस दौरान दोनों उनका पीछा भी किया। और बाइक के पीछे चिल्लाते हुए दौड़े थे। लेकिन अपराधी बच्चे को लेकर भाग गए थे। कुदरा थाने में अपहरण का मामला दर्ज हुआ था। एक महीने से अधिक समय तक फिरौती के लिए जब कोई कॉल नहीं आई और बच्चे का कोई पता नहीं चला, तो दंपत्ति को डर सताने लगा था कि मानव अंग तस्करों का शिकार हो गया है।
गरीब माता-पिता के अवसाद में आ गए थे। एचडी के पटना एडिशन में 7 जुलाई को ‘बिहार के कैमूर में नाबालिग अपहृत बच्चे का 22 दिनों के बाद भी पता नहीं’ शीर्षक से रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी। जिसके बाद शाहाबाद रेंज के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) नवीन चंद्र झा ने एक समिति का गठन किया। और फिर बच्चे को पुलिस ने बरामद कर लिया।
सीसीटीवी फुटेज और टावर डंप से अपराधियों का कोई सुराग नहीं मिलने पर पुलिस अधीक्षक ललित मोहन शर्मा ने मामले की जांच एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट प्रभारी इंस्पेक्टर संजय रजक को सौंपी। इंस्पेक्टर रजक ने अपहरण में इस्तेमाल की गई पीले रंग की बाइक पर ध्यान केंद्रित किया और आखिरकार उसके मालिक पिंटू कुमार और उसके छोटे भाई चिंटू का पता लगा लिया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया।