मुजफ्फरपुर। बेला व जिले के अन्य औद्योगिक क्षेत्र में बंद व बीमार 85 फैक्ट्रियों की जमीन नए सिरे से उद्योग लगाए जाएंगे। औद्योगिकीकरण की रफ्तार को बढ़ाने के लिए लायी गई आम माफी नीति 2021 के तहत किसी कारण से बंद फैक्ट्रियों को फिर चालू कर रोजगार के अवसर सृजित किए जाएंगे।
इस नीति के तहत बंद व बीमार पड़ी फैक्ट्रियों की जमीन को उद्यमी सरेंडर कर सकते हैं।
मुजफ्फरपुर औद्योगिक क्षेत्र में बंद पड़ी 85 फैक्ट्रियों की जमीन पर नए सिरे से उद्योग चालू करने के लिए पहल होगी। बंद इकाइयों के कारण औद्योगिक क्षेत्र की 62 एकड़ जमीन वर्षों से बेकार पड़ी है। फैक्ट्री चलाने में अक्षम उद्यमी अपनी जमीन बियाडा को सौंप सकेंगे। उन्हें जमीन की प्रीमियम राशि में 15 प्रतिशत छूट दी जाएगी। प्रोजेक्ट क्लीयरेंस कमेटी की अनुशंसा पर फैक्ट्रियों की जमीन को दूसरे उद्यमियों को आवंटित किया जा सकेगा।
लीज की बचे अवधि के अनुसार बियाडा उद्यमियों को राशि वापस कर सकेगी। इसके अलावा बंद फैक्ट्री की जमीन वापस नहीं सौंपने वाले उद्यमी से बियाडा जमीन की राशि का तीन प्रतिशत हिस्सा वसूल करेगी। यह राशि हर साल बढ़ती जाएगी। आम माफी नीति एक साल के लिए लायी गई है। इससे पूर्व 2016 में आम माफी नीति लगाई गई थी।
जमीन सरेंडर नहीं करने वालों पर बढ़ेगा बोझ :
औद्योगिक क्षेत्र प्रबंधन समिति के अध्यक्ष शिवनाथ प्रसाद गुप्ता ने बताया कि पूंजी की कमी, उत्पाद की डिमांड नहीं होने व जलजमाव आदि कारणों औद्योगिक क्षेत्र में 85 फैक्ट्री बंद हैं। आम माफी नीति में बंद फैक्ट्री की जमीन सरेंडर नहीं करने वालों पर बोझ डाला गया है। नीति से बंद व बीमारी फैक्ट्रियों के संचालकों पर दवाब बढ़ेगा। बेला स्थित दोनों औद्योगिक क्षेत्र की कुल 377 एकड़ जमीन में से 62 एकड़ जमीन बेकार पड़ी है।
INPUT: Hindustan