मुजफ्फरपुर। शहर में घुसते ही वांटेड अपराधी ट्रेस कर लिए जाएंगे। इसके लिए शहर के इंट्री प्वाइंट समेत 50 जगहों पर हाई रेजुलेशन कैमरे लगेंगे, जिसमें फेस रिकोगनिशन सॉफ्टवेयर भी रहेगा।
कंट्रोल रूम के कंप्यूटर पर अपराधी का चेहरा डालकर सर्च करते ही कैमरे का लिंक बता देगा कि वह कब किस इलाके में दिखा था। इसके अलावा 342 जगहों पर लगे कैमरे के जरिए पर्सन ट्रैकिंग सॉफ्टवेयर से वह ट्रेस किया जा सकेगा। स्मार्ट सिटी में आईसीसीसी (इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर) के इस प्रोजेक्ट से अपराध पर अंकुश के साथ ही अपराधियों की गिरफ्तारी में पुलिस को काफी मदद मिलेगी।
नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय ने बताया कि अपराध की रोकथाम व यातायात संचालन के लिए ये कैमरे काफी कारगर साबित होंगे। आईसीसीसी के इस प्रोजेक्ट पर एक बड़ी कंपनी काम कर रही है। स्टेशन, बस स्टैंड, प्रमुख चौराहों व मार्केट में चेहरे की पहचान कर लेने वाले कैमरे लगाने की योजना है। उन्होंने बताया कि यदि शहर का कोई गुमशुदा या अपहृत व्यक्ति किसी भी इलाके से गुजरेगा तो उसकी तलाश आसान से हो जाएगी। अभी लड़कियों के अपहरण के काफी मामले सामने आ रहे हैं। उसे भी आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा। इस कैमरे की क्षमता इतनी बेहतर होगी कि कार के अंदर बैठा व्यक्ति भी सामने के शीशे से कैमरे के फोकस में आ जाए तो उसकी पहचान कर ली जाएगी।
नगर आयुक्त ने बताया कि हालांकि सीसीटीवी इंस्टॉलेशन के तहत चेहरे की पहचान कर लेने वाले सॉफ्टवेयर से जुड़े कैमरे शहर में दूसरे फेज में लगेंगे। पहले फेज में वाहन ट्रैक करने वाले कैमरे लगाने का काम शुरू किया जा रहा है। अपराध को अंजाम देकर या ट्रैफिक रूल को तोड़कर गाड़ी से भागने वाले के नंबर से उसके मालिक का पूरा ब्योरा मिनटों में स्क्रीन पर होगा। गाड़ी शहर से निकल भी नहीं पाएगी, तबतक वाहन मालिक को जुर्माना के चालान की कॉपी मोबाइल पर पहुंच जाएगी।
27 चौराहों पर लगेंगे 108 वाहन ट्रैकिंग कैमरे
नगर आयुक्त ने बताया कि शहर में 27 चौराहों पर 108 वाहन ट्रैकिंग कैमरे लगाए जाएंगे। इसमें चार चौराहों पर 16 कैमरे बहुत जल्द इंस्टॉल हो जाएंगे। इसकी मॉनिटरिंग फिलहाल टाउन हॉल से होगी। आईसीसीसी का भवन बन जाने के बाद इसका कंट्रोल रूम उसमें शिफ्ट हो जाएगा।
सफाई के लिए भी किया जाएगा इस्तेमाल
नगर आयुक्त ने बताया कि सफाई के लिए भी इन कैमरों का इस्तेमाल होगा। किस इलाके का डस्टबिन कचरे से भर गया है, इसकी जानकारी मिल जाएगी और मोबाइल पर खुद उस इलाके के सफाई इंचार्ज को सफाई का निर्देश प्राप्त हो जाएगा।