बिहार/नवादा: जिले के नारदीगंज प्रखंड अंतर्गत कहुँआरा पंचायत के हर नारायणपुर गांव स्थित मराक्षनी मां की मंदिर और एक जियत पोखर है। स्थानीय लोग और वहां पर मौजूद पुजारी के द्वारा बताया जाता है कि यह मंदिर जो है काफी पुरानी द्वापरयुग की मंदिर है और खुला मंदिर है। इस मंदिर परिसर में एक सरोवर भी है जिसका नाम जियत पोखर है। इस पोखर में हमेशा पानी भरा रहता है।
इस सरोवर और मंदिर का एक खास मान्यता है अगर किसी महिला को संतान की प्राप्ति नहीं होता है और किसी भी पुरुष को नपुंसकता का मामला सामने आ जाता है तो उस स्थिति में इस मंदिर में माथा टेकना और सरोवर में डुबकी लगाने के बाद मन्नतें मांगी गई वरदान पूरी हो जाती है ऐसा यहां का मान्यता है।
जिन भी महिला की संतान प्राप्ति नहीं हुई हों. बो इस पवित्र स्थान पर आकर माथा टेकते हैं और शगुन के तौर पर पंडित जी के द्वारा खाने के लिए अक्षत चावल दिया जाता है! पंडित जी के विधि अनुसार कुछ ऐसी चीजें होती हैं जिसे महिला को सावधानी बरतनी होती हैं जैसे, मांस, मछली आदि..
इस देवस्थल पर एक कुआं है जो कभी सूखता ही नहीं है, इसी कुएं के पानी से महिला को नहाना होता है
बता दें कि इस मंदिर परिसर और सरोवर में डुबकी लगाने के लिए नवादा जिले के साथ-साथ देश के विभिन्न क्षेत्रों से भी लोग पहुंचते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि ज्यादातर झारखंड के लोग बिहार के नवादा का इस चर्चित स्थान में आकर अपना माथा टेकते हैं और मन्नत मांग कर संतान की प्राप्ति कर चुके हैं। स्थानीय पुजारी बताते हैं कि जब श्रद्धालुओं के मन्नते पूरी हो जाती है तो वह यहां पहुंचकर बड़े ही धूमधाम से पूजा अर्चना करते हैं।
और सबसे बड़ी अहम बात तो यह है कि इस मंदिर परिसर को बनाने के लिए एक से एक पैसे वाले धनिष्ठा व्यक्ति तैयार हुए और बनवाने भी लगे जैसे हीं दीवाल पर ईट लगता है. आप रूपी गिर जाता है, अब इन माता की अपरंपार कृपा समझिए या फिर उन्हें खुले में रहना पसंद समझिए,
(सोनू सिंह की रिपोर्ट)