सीएम नीतीश कुमार अपने समाज सुधार अभियान के क्रम में बुधवार को मुजफ्फरपुर पहुंचे। इस दौरान आयोजित सभा में उन्होंने बड़े ही साफ शब्दों में शराबबंदी पर फिर से विचार किए जाने के लगाए जा रहे कयासों को खारिज कर दिया। कहा, कुछ अधिक ही पढ़े-लिखे लोग इस समाज सुधार अभियान खासकर शराबबंदी के विरोध में बाते करते हैं। वे करते रहें। इस तरह के लोगों की संख्या बहुत कम है। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि यदि कोई दारू पीना चाहता है तो वह बिहार से दूर ही रहे तो बेहतर है। यहां आने पर उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
समाज सुधार अभियान कार्यक्रम के चौथे पड़ाव पर यहां पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा कुछ काबिल लोग शराब की पैरवी करते हैं। उन्हें यह बताना चाहिए कि शराब कैसे अच्छी चीज है। राष्टपिता बापू ने कहा था कि शराब पैसा के साथ बुद्धि भी हर लेता है। वह इंसान को हैवान बना देता है। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट भी कहती है कि शराब पीने से 30 लाख लोग दुनिया में मरते हैं। 20 से 39 साल के 13.5 प्रतिशत युवाओं की मौत शराब से होती है। दो सौ बीमारियां इससे होती हैं। ऐसे में कोई कैसे शराब की पैरवी कर सकता है। उन्होंने जीविका दीदियों से शराब के खिलाफ आंदोलन जारी रखने को कहा। यह कहा, गड़बड़ करने वालों को पहले समझाइए। नहीं मानें तो टाल फ्री नंबर पर बताइए। गड़बड़ी करने वाला कोई नहीं बचेगा।
मुख्यमंत्री ने दहेज प्रथा की समाप्ति को लेकर भी समाज को आगे आने का आह्वान किया। कहा, कोई रिश्तेदार भी दहेज लेकर बेटा की शादी करे तो उसमें मत जाइए। उन्होंने खुद ऐसी शादी में शामिल नहीं होने के संकल्प को दोहराया। बाल विवाह को बच्चियों के विकास में बाधक बताया। कहा, बच्चियों को पहले बेहतर शिक्षा दें। उसकी इज्जत करें। क्योंकि महिला के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। कोई भी घरती पर आया है तो उसके पीछे एक मां ही है। जीविका दीदियों को ऐसी शादी रोकने के लिए अभियान जारी रखने का आह्वान किया। इससे पहले सीएम ने पांच जीविका दीदियों के अनुभव सुने। उनके कार्य की प्रशंसा भी की।