सीएम नीतीश कुमार अपने समाज सुधार अभियान के क्रम में बुधवार को मुजफ्फरपुर के एमआइटी ग्राउंड पहुंच चुके हैं। खराब मौसम की वजह से उन्हें अपने कार्यक्रम में बदलाव करना पड़ा। हवाई मार्ग की जगह वे सड़क मार्ग से यहां पहुंचे। यहां आने के बाद सबसे पहले उन्होंने जीविका दीदियों के स्टाल का निरीक्षण किया। इसके बाद मंच पर पहुंचे। जहां प्रमंडल के चार जिलों से पहुंची दीदियों ने सरकार के समाज सुधार से जुड़े कार्यक्रमों के बारे में अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने सीएम के सामने बताया कि कैसे शराबबंदी व बाल विवाह पर रोक लगाए जाने की वजह से लोगों का जीवन बदल रहा है। परेशानियां कम हो रही हैं।
सीतामढ़ी की रुबीना खातून के अपने अनुभव साझा करते हुए इंडो-नेपाल बार्डर पर जारी शराब की तस्करी को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि कैसे तस्कर मछलियों के बीच शराब की बोतलें लेकर आ जाते हैं। इसकी वजह से शराबबंदी में परेशानी हो रही है। इस पर सीएम ने मुख्य सचिव और डीजीपी को मंच पर अपने समीप बुलाकर नजर रखने का निर्देश दिया। सीएम नीतीश कुमार मुजफ्फरपुर के एमआइटी ग्राउंड पहुंच गए हैं। वे अभी स्टालों का निरीक्षण कर रहे हैं। इसके अलावा मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर और वैशाली के अधिकारियों के साथ वे समाहरणालय के सभाकक्ष में शराबबंदी, दहेज उन्मूलन, बाल विवाह समेत अन्य विकास योजनाओं की समीक्षा बैठक करेंगे। कार्यक्रम की तैयारी पूरी कर ली गई है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
शिक्षा से कुरीतियों को दूर करने में मदद
जासं, मुजफ्फरपुर : शराब, दहेज प्रथा व बाल विवाह जैसे सामाजिक मुद्दों के वर्तमान हालात पर बीआरए बिहार विवि के समाजशास्त्र विभाग की पूर्व अध्यक्ष व समाजशास्त्री डा. रंजना सिन्हा कहती हैं कि सरकार का यह सकारात्मक प्रयास है। शराबबंदी से कई घर टूटने से बच गए। समाज में बहुत बड़ा असर पड़ा है। बाल विवाह अब बहुत कम होता है। कई जगहों पर शिक्षा लेने के कारण कई लड़कियों ने बाल विवाह का विरोध किया। बाल विवाह व दहेज प्रथा की कुरीतियों के पीछे शिक्षा की कमी की बात आती है। जहां भी शिक्षा की कमी होगी, वहीं पर इस तरह की घटनाएं होती हैं। अब लड़कियां स्वावलंबी हो रही हैं। इसलिए इन सभी कुरीतियों को दूर करने के लिए शिक्षा की बुनियाद को और मजबूत करना पड़ेगा। तभी जाकर यह सभी कुरीतियों को दूर करने में हम सफल होंगे।