निगरानी विभाग के हत्थे चढ़े मुजफ्फरपुर जिले के मुसहरी अंचल के घूसखोर राजस्व कर्मचारी अजीत कुमार की कार्यप्रणाली से मुसहरी की जनता क्षुब्ध थी। वह मोटी रकम लेकर गलत तरीके से जमीन का रसीद काटता था। जमीन का रकबा कम होने के बावजूद बढ़ा कर रसीद काटता और दाखिल खारिज भी करता था। उसके खिलाफ पूर्व जिला पार्षद मुक्तेश्वर प्रसाद सिंह, दिघरा सरपंच चंदन कुमार समेत कई लोगों ने DM के यहां शिकायत भी कराई थी।
उसकी शिकायत प्रधान सचिव तक पहुंची थी। सूत्रों की मानें तो उसकी राजनीति गलियारों में अच्छी पहुंच थी। इस कारण उसपर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी थी। हालांकि, उन्हें अपने ऊपर कार्रवाई होने की भनक दो माह पूर्व से लग गई थी। इसलिए वह दो महीने से मुसहरी कार्यालय में नहीं जा रहे थे। जिला स्कूल के समीप बने कार्यालय से ही काम करते थे।
दो दलालों को भी रखा था
दिघरा सरपंच ने बताया कि उन्होंने अवैध वसूली के लिए दो दलालों को भी रखा था। उसी के माध्यम से उगाही करते थे। अब उन दलालों की तलाश में पुलिस जुट गई है। उनके कारनामे चर्चा का विषय बना था। हर कोई उनके काम से आहत थे। कहा जा रहा है कि जो उन्हें मोटी रकम नहीं देता था। उसका काम पेंडिंग में डाल देता था या कोई त्रुटि बताकर रद्द कर देता था।
गांव में बना रहा आलीशान मकान
घूसखोर कर्मचारी मूल रूप से मुजफ्फरपुर के पुरुषोत्तमपुर का रहने वाला है। यहां पर वह आलीशान मकान बनवा रहा है। जो अभी निर्माणाधीन है। पूर्व जिला पार्षद बताते हैं कि अवैध कमाई करके ही वह ये मकान बनवा रहा है।
संपत्ति की जांच की मांग
घूसखोर कर्मी के पकड़े जाने के बाद अब उसकी संपत्ति की जांच करने की मांग उठने लगी है। सरपंच का कहना है कि उनके खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई को भी पत्र लिखेंगे। उनकी संपत्ति की जांच होनी चाहिए। उन्होंने काली कमाई से करोड़ो की संपत्ति अर्जित की है। इसकी जांच कर इसे जब्त किया जाना चाहिए। बुधवार को अजीत कुमार को विजिलेंस DSP अरुण पासवान के नेतृत्व में टीम ने उसे रंगेहाथ 50 हजार रुपए घूस लेते दबोचा था। आज उन्हें जेल भेजा जाएगा।
INPUT: Bhaskar