मुजफ्फरपुर। कोरोना मरीज को लेकर विभागीय स्तर पर गंभीरता नहीं बरती जा रही है। कंट्रोल रूम के फोन की बात हो या संक्रमित के संपर्क में आने वालों की जांच। हर स्तर पर लापरवाही सामने आ रही है।
जो मरीज संक्रमित हैं उनके पास दवा नहीं पहुंच रही है। इसके साथ ही जो संक्रमित मिल रहे उनको घर तक सुरक्षित भेजने का इंतजाम भी नहीं हो रहा है। इसके कारण फैलाव की आशंका ज्यादा है। बुधवार को सिविल सर्जन कार्यालय का एक कर्मचारी संक्रमित मिला। उसकी जांच के बाद सीधे घर जाने को कह दिया गया। वह अपना झोला लेकर चलते बना। उसने कहा कि सर हम बस से आए थे और बस से ही लौट जाएंगे। इस तरह की लापरवाही रेलवे जंक्शन से लेकर सदर अस्पताल के जांच केंद्र तक मिली। जबकि अगर कोई संक्रमित मिल रहा तो उसके ऊपर नजर रखनी चाहिए कि आखिर वह किस माध्यम से अपने घर पर जा रहा है।
दवा नहीं मिल रही है
दूसरी लहर में आक्सीजन, बेड और दवाओं की कमी से त्राहिमाम के बाद स्वास्थ्य विभाग तीसरी लहर से बचाव के लिए सभी प्रकार की तैयारियां पूरी करने का दावा कर रहा था। अब जब तीसरी लहर शुरू है। हर दिन बड़ी संख्या में पाजिटिव मरीज मिलने लगे तो दवाओं की किट उन्हें मिल नहीं पा रही है। ऐसे में मरीजों को बाजार से महंगे दर पर दवा खरीदनी पड़ रही है। सिविल सर्जन डा. विनय कुमार शर्मा ने कहा कि मेडिकल किट तैयार है।
सकी आपूर्ति के लिए मेडिकल सेल बनाया गया है। दवा का वितरण क्यों नहीं हो रहा है, इसकी जांच कर संबंधित कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी। पाजिटिव को होम आइसोलेशन में रखा गया है। उन्हें दवाओं की किट दी जानी है। अब सदर अस्पताल व रेलवे जंक्शन पर दवा की किट रहेगी। जो संक्रमित होंगे उनको उसी समय दवा की पोटली दे दी जाएगी।
पांच तरह की दवा किट में
-मेडिकल किट में पेरासिटामोल, एजिथ्रल, मल्टीविटामिन, सेङ्क्षलन और कैल्शियम टेबलेट है।
INPUT: JNN