मुजफ्फरपुर स्थित SKMCH में टाटा स्मारक केंद्र की इकाई होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र में शुक्रवार को कैंसर की एक बड़ी सर्जरी की गई। जिसमें 55 साल के मरीज के बाएं पैर से 3.8 किलो (25×14×13 cm) का बड़ा ट्यूमर निकाला गया। कैंसर सर्जन डॉ शांतनु पवार की अगुवाई में इस सर्जरी को किया गया है।
उन्होंने बताया कि उत्तर बिहार में कैंसर सर्जरी के लिए अब लोगों को कहीं नहीं जाना होगा ये सारी सुविधा अब उन्हें होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर में मिल जाएगी। इस सफल सर्जरी के लिए उन्होंने टाटा संस्थान के टीम के सदस्य को बधाई दिया। जिस कारण यह सर्जरी सफलतापूर्वक पूर्ण हुई। उन्होंने बताया कि अब यहां हेड एन नेक सर्जरी के साथ साथ स्तन और पैर की सर्जरी शुरू हो गई है। जिसमें स्तन और पैर को बचाकर सर्जरी की जा रही है।
एक लाख में से किसी एक मे पाई जाती ये बीमारी
उन्होंने बताया कि मरीज एक फैक्ट्री मजदूर है, जो 6 महीने से इलाज के लिए भटक रहा था। उसका इलाज आयुष्मान कार्ड के तहत किया गया। उन्होंने बताया कि उसे मिक्जो फाइब्रो सारकोमा नामक कैंसर था, जो कैंसर पीड़ितों में बहुत कम पाया जाता है। उनके अनुसार यह बीमारी एक लाख लोगों में से किसी एक मे पाई जाती है। में 1 लोग में ही यह बीमारी पाई जाती है। उनके लिए सबसे चुनौती का यह काम था कि इस सर्जरी के बाद भी उसका पैर बच जाए। जिसमें टीम सफल रही। मरीज का पैर पूरी तरह सुरक्षित है।
कोरोना काल मे 20 सफल सर्जरी
प्रभारी डॉ. रविकांत सिंह ने बताया कि अस्पताल कोविड महामारी में भी कैंसर मरीज को सेवा दे रहा है। महामारी के दौरान इस महीने अभी तक 20 से अधिक सर्जरी अस्पताल में की गई। 600 से ऊपर कीमोथेरेपी हुई है। वही 100 से ऊपर मरीज इस कोविड के समय भी रोज आ रहे हैं। अस्पताल द्वारा कैंसर का जल्द पता करने के लिए स्क्रीनिंग अभियान के साथ ही जागरूकता से जुड़े कार्यक्रम भी संचालित किये जा रहे हैं। फिलहाल ये अभियान बिहार के 16 जिलों में चला रहा है, इसका उद्देश्य समय रहते बीमारी की पहचान कर इलाज शुरू करना है।
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