मुजफ्फरपुर। मोतिहारी के हरसिद्धि से जब्त हाई क्वालिटी के जाली नोट मामले की उच्चस्तरीय जांच हो सकती है। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने इसकी कवायद शुरू कर दी है।
शनिवार को नोटों की जांच के लिए गन्नीपुर स्थित क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला को सैंपल भेजेगी। जांच रिपोर्ट आने के बाद केस को एनआईए को ट्रांसफर कर दिया जाएगा।
डीआरआई सूत्रों की मानें तो जब्त जाली नोट हाई क्वालिटी हैं। इस तरह की छपाई सिर्फ पाकिस्तान में होती है। वहां से नेपाल के रास्ते भारत में जाली नोट लाए गए। इसे सीवान और बिहार से सटे यूपी के जिलों में भेजने की तैयारी थी। अधिकारी ने बताया कि पूर्व में मुजफ्फरपुर पुलिस की कार्रवाई में जब्त नोटों की क्वालिटी से डीआरआई की कार्रवाई में जब्त नोटों की क्वालिटी कई गुना बेहतर है। सिर्फ रंग के फर्क से पहचान की गई है। बताया जाता है कि जाली नोट मामले में शुक्रवार को खुफिया विभाग ने भी डीआरआई से संपर्क कर रिपोर्ट ली है। पटना व दिल्ली भी रिपोर्ट भेजी गई है।
जानकारी हो कि एनआईए पूर्व में बेतिया और पूर्णिया में जब्त भारतीय जाली नोट मामले की छानबीन कर रही है। बेतिया में पुलिस ने दो लाख के जाली नोट के साथ तस्कर को दबोचा था। बेतिया नगर थाने में केस भी दर्ज किया गया था। वहीं, पूर्णिया में डीआरआई की टीम ने 1.90 लाख के जाली नोटों को जब्त किया था। इस मामले में एनआईए पटना स्थित विशेष कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है। साथ ही पूरक जांच जारी है। पूर्णिया में जब्त नोट बांग्लादेश में छापे जाने की आशंका जताई गई थी।
दोनों मामले स्थानीय पुलिस ने एनआईए को ट्रांसफर किए थे। पुलिस सूत्रों की मानें तो मोतीपुर के महदमरपुर बलमी चौक के समीप मुजफ्फरपुर पुलिस ने 11.47 लाख के जाली भारतीय नोट के साथ चार तस्करों को दबोचा था। उक्त नोटों की गुणवता भी अच्छी थी। यह खेप भी नेपाल के रास्ते भारत पहुंची थी। पुलिस ने इसकी छपाई पाकिस्तान में होने की बात कही थी। सूत्रों की मानें तो यह मामला भी एनआईए को ट्रांसफर हो सकता है।
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