विकास कार्यों के लिए मुजफ्फरपुर MP अजय निषाद ने खर्च की सबसे ज्यादा रकम, 5 करोड़ के फंड में अब सिर्फ 1 लाख बचा हुआ

बिहार के कई सांसद अपने MPLAD फंड को खर्च करने में उदासीन साबित होते दिख रहे हैं। वित्त वर्ष 2019-20 में केंद्र सरकार ने बिहार के लोकसभा सांसदों को सांसद निधि में 7, 5 और 2.5 करोड़ रुपए आवंटित किए। कुछ सांसदों ने इस निधि का तेजी से इस्तेमाल किया है, तो कुछ इस मामले में बेहद सुस्त हैं। कई सांसद तो ऐसे हैं, जिन्होंने आधा तो कुछ ने 25 फीसदी के आसपास ही सांसद निधि खर्च की।




किसने ज्यादा खर्च किए
MPLAD का बेहतर इस्तेमाल करने वालों में मुजफ्फरपुर के सांसद अजय निषाद पहले पायदान पर हैं। उन्होंने 5 करोड़ रुपए में से अधिकांश राशि खर्च कर दी है। उनके पास मात्र 1 लाख रुपए ही शेष बचा है। इसी तरह अररिया सांसद प्रदीप कुमार सिंह के पास मात्र 22 लाख रुपए तो नालंदा सांसद कौशलेन्द्र कुमार के पास 72 लाख रुपए शेष हैं।


इस मामले में हाजीपुर सांसद पशुपति पारस ने भी बेहतर खर्च का रिकॉर्ड बनाया है। उनके पास मात्र 17 लाख रुपए शेष हैं। वही, सासाराम के सांसद छेदी पासवान के पास मात्र 40 लाख ही शेष बचे हैं।


किसने कम खर्च किया
मुंगेर सांसद और JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ़ ललन सिंह को 5 करोड़ जारी हुआ था, लेकिन उनके पास अभी 3.49 करोड़ शेष हैं। सबसे कम खर्च करने वालों में सुपौल के सांसद दिलेश्वर कामत हैं। उनके पास 5 करोड़ में से 4.34 करोड़ रुपए शेष हैं। इसी तरह दरभंगा सांसद गोपालजी ठाकुर के पास 5 करोड़ में से 3.34 करोड़, तो बक्सर सांसद अश्विनी चौबे के पास 5 करोड़ में से 3.25 करोड़, बेगूसराय सांसद गिरिराज सिंह के पास 5 करोड़ में से 3.28 करोड़, मधुबनी सांसद अशोक कुमार यादव के पास 5 करोड़ में 3.39 करोड़ रुपए, जहानाबाद सांसद चंद्रेश्वर प्रसाद के पास 5 करोड़ में से 3.41 करोड़ रुपए की राशि शेष है।


नवादा सांसद चंदन सिंह के पास 5 करोड़ में 2.84 करोड़, जमुई सांसद चिराग पासवान के पास 2.50 करोड़ में से 1.83 करोड़ रुपए शेष हैं।


वित्तीय वर्ष 2022-23 से मिलने लगेगी सामान्य राशि
MPLAD के रुपए को उसी वित्तीय वर्ष में खर्च करना होता है। इस राशि को लोकसभा क्षेत्र के विकास के लिए खर्च किया जाता है। हालांकि केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में सभी सांसदों को दो-दो करोड़ रुपए दिए थे। इस वित्तीय वर्ष यानी 2022-23 से सभी सांसदों को पहले की तरह वर्ष में 5-5 करोड़ दिए जाएंगे। यह राशि उन्हें ढाई-ढाई करोड़ की दो किस्तों में दी जाएगी। कोरोना संकट के दौरान आर्थिक चुनौतियों को देखते हुए सरकार ने सांसद निधि पर रोक लगा दी थी।

INPUT:Bhaskar

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