मुजफ्फरपुर। बसंत पंचमी में एक दिन शेष है, लेकिन अब तक जिले में मूर्तिकारों की ओर से बनाई गईं 30 फीसदी भी प्रतिमाएं नहीं बिक पाई हैं। कोरोना के संक्रमण के कारण सरकार की ओर से लगाई गई पाबंदियों व गाइडलाइन के कारण सार्वजनिक जगहों पर सरस्वती पूजा का आयोजन नहीं हो रहा हैं।
वहीं, सभी स्कूल व कॉलेज भी बंद हैं। इस कारण मूर्तिकारों को निराशा हाथ लगी है। मूर्ति नहीं बिकने से उनकी लागत भी फंस गई है।
जिले में सैकड़ों मूर्तिकार प्रतिमा बनाकर अपनी आजीविका चलाते हैं। इसबार बड़े उत्साह के साथ मूर्तिकारों ने दिसंबर माह से ही प्रतिमा का निर्माण शुरू कर दिया था। लेकिन, इसी बीच कोरोना का संक्रमण बढ़ गया और सरकार ने पाबंदी लगा दी। शहर के साहू रोड के मूर्तिकार गणेश पंडित ने कहा कि इसबार बिहार के मूर्तिकार काफी संकट में हैं। शिक्षण संस्थान छह फरवरी तक बंद है और सरस्वती पूजा पांच फरवरी को है। ऐसे में पूजा करने वाले लोगों की संख्या कम है।
ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिमा की मांग है, लेकिन शहर में नहीं है। गुरुवार को मात्र दो ही प्रतिमा बिक सकी। इधर, हरिसभा चौक के राधारमण पप्पू ने बताया कि इस बार शहर के मूर्तिकारों का व्यापार चौपट हो गया है। शिक्षण संस्थान बंद है और इंटर की परीक्षा होने से ग्रामीण क्षेत्र से लोग मूर्ति लेने नहीं पहुंच पा रहे हैं। इस कारण मूर्ति नहीं बिक रही है। वहीं, मिठनपुरा के राधे पंडित, आमगोला के सुजीत पंडित, गोशाला के रामचन्द्र पंडित आदि मूर्तिकारों ने कहा इसबार उनकी काफी पूंजी डूब गई।
राजस्थान से पहुंचे हैं मूर्तिकार :
बसंत पंचमी को लेकर मूर्ति निर्माण करने राजस्थान से भी मूर्तिकार पहुंचे हैं। एनएच 28 खबड़ा मंदिर के पास एक माह से राजस्थान के पाली जिला के प्रताबगढ़ के मूर्तिकार अपने पूरे परिवार के साथ मूर्ति निर्माण में जुटे हैं। मूर्तिकार डगला राम ने बताया कि पहली बार बिहार में मूर्ति निर्माण करने पहुंचा हूं।
राजस्थान से ही खड़िया मिट्टी लाया हूं। छोटे-बड़े मिलाकर डेढ़ सौ से अधिक प्रतिमा तैयार की है। लेकिन, सरकारी पाबंदियों के कारण 25 मूर्तियां भी नहीं बिक पायी है। एक दिन के बाद इसे सुरक्षित रखना भी मुश्किल होगी। बताया कि उसके पास दो सौ से लेकर पांच हजार तक की प्रतिमा उपलब्ध है।
INPUT: Hindustan