मुजफ्फरपुर शहर के जुरन छपरा स्थिति सील बंद हो चुके आई हॉस्पिटल को दोबारा खोलने की कवायद चल रही है। कोर्ट की ओर से रिपोर्ट मांगे जाने के बाद विभाग हरकत में है। नए सिविल सर्जन डा.बिरेन्द्र कुमार ने इस केस की समीक्षा के बाद टीम में नए सदस्य के रूप में वरीय चिकित्सक डॉ. हसीब असगर को शामिल किया है। जांच टीम में अब ACMO डॉ. एसपी सिंह के साथ SKMCH नेत्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार तथा सदर अस्पताल की नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. नीतू कुमारी शामिल है।
एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट मांगी गई
सिविल सर्जन ने बताया कि एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट आने के बाद DM प्रणव कुमार को रिपोर्ट दी जाएगी। मालूम हो कि जिला गोपनीय शाखा के कार्य पदाधिकारी ने मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल की वर्तमान स्थिति, OT, डॉक्टरों की संख्या, पारामेडिकल स्टॉफ, व अन्य उपकरण, जिससे आंखों के ऑपरेशन होते हैं उसपर रिपोर्ट मांगी है।
DM काे पत्र लिखकर जानकारी दी
बता दें कि जांच टीम की रिपोर्ट आने के बाद उसको खोले जाने पर निर्णय होगा। पिछले दिनों सांसद अजय निषाद ने भी DM काे पत्र लिखकर जानकारी दी थी मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल एक ट्रस्ट की देखरेख में पिछले 48 वर्षों से मरीजों का इलाज कर रहा है। उसे खोलने पर गरीबों का इलाज हो पायेगा। सदर अस्पताल में मोतियाबिंद का ऑपरेशन विगत 10 वर्षों में नहीं हुआ है। वहीं, SKMCH में भी बहुत कम नियमित मोतियाबिंद ऑपरेशन अंधापन निवारण कार्यक्रम के तहत होता है। उससे जरूरतमंद गरीब परेशान है।
पिछले साल 22 नवंबर को 65 मरीज का आपरेशन हुआ था। इसमें से 25 मरीजों की आंख में संक्रमण हुआ था। 15 मरीजों की एक आंख निकालनी पड़ी थी। जिसके बाद से अस्पताल को सील कर दिया गया है।
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