गुड न्यूज: दरभंगा हवाई अड्डा से लीची भेजे जाने की हो रही व्यवस्था, दूसरे राज्य के लोग भी चखेंगे मुजफ्फरपुर की लीची का आनंद

मुजफ्फरपुर, जासं। ट्रेन व ट्रक के बाद अब लीची हवाई जहाज से दूसरे राज्यों में भेजी जाएगी। लीची की ढूुलाई को लेकर दरभंगा हवाई अड्डा प्रबंधन ने अपनी सहमति दी है। इसके लिए बाकायदा अलग से एक कांउटर बनाया गया है।

लीची उत्पादक संघ के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह ने बताया कि संघ के प्रतिनिधि उद्यमी गोपाल कृष्ण सोमवार को दरभंगा गए थे। वहां हवाई अड्डा प्रबंधन से बातचीत हो गई है। 20 मई से प्रतिदिन छह टन लीची भेजने का सिलसिला शुरू होगा। 16 जून तक भेजा जाएगा। संघ अध्यक्ष ने कहा कि अभी लीची मुंबई, बेंगलुरू और अहमदाबाद भेजी जाएगी। उड़ान से दो घंटे पहले भी अगर लीची की खेप आ गई तो वह लोड हो जाएगी। इस बार 80 हजार से 90 हजार टन लीची उत्पादन की संभावना है।

इधर, बीच बाजार में जगह-जगह लीची बिकने लगी है। लीची की मुख्य मंडी कंपनीबाग व स्टेशन रोड में छोटे-छोटे विक्रेताओं ने लीची की दुकानें सजानी शुरू कर दी हैं। वर्तमान में लीची 160-180 रुपये प्रति सैकड़ा की दर से बिक रही है। लीची विक्रेता असलम ने बताया कि चार दिनों में बाजार में लीची की खेप बड़ी मात्रा में आने लगेगी। इसके बाद कीमत कम होने की उम्मीद है। राष्ट्रीय लीची अनुसंधान मुशहरी के निदेशक डा. एसडी पांडेय ने बताया कि 20 मई के बाद लीची का औसत वजन 20 ग्राम से अधिक हो जाएगा। वर्तमान में लीची का वजन चार ग्राम कम है। लीची में मिठास और लाली भी आ गई है, मगर फल में वजन अभी नहीं आया है।

सरैयागंज टावर का सौंदर्यीकरण आरंभ

मुजफ्फरपुर : स्मार्ट सिटी मिशन के तहत शहर की पहचान सरैयागंज टावर के सौंदर्यीकरण का काम शुरू कर दिया गया है। सरैयागंज, सुतापट्टी एवं इस्लामपुर फेस लिङ्क्षफ्टग योजना के तहत इस कार्य को किया जा रहा है।

सरैयागंज टावर पर जिले के 101 बलिदानियों के नाम अंकित हैं। इसका उद्घाटन प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद ने किया था। सौंदर्यीकरण योजना के तहत टावर को रंगीन रोशनी से सजाया जाएगा। टावर पर अंकित बलिदानियों के नाम को संरक्षित किया जाएगा। टावर पर स्थापित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिभा को भी संरक्षित किया जाएगा।

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