मुजफ्फरपुर, वरीय संवाददाता।
जिले में धान घोटाला की जांच कर रहे कई आईओ को शिथिलता के कारण बदल दिया गया है। काजी मोहम्मदपुर थाना में धान घोटाला के छह कांडों के आईओ शंभूनाथ झा का तबादला कर दिया गया है।
उनके जिम्मे के छह कांडों को अलग-अलग तीन आईओ को सौंपा गया है। इसी तरह अहियापुर में दर्ज दो कांडों के आईओ बानेश्वर किश्कू के तबादले के बाद दो पदाधिकारियों को जांच का जिम्मा सौंपा गया है। कुढ़नी, बोचहां, मीनापुर, सिवाइपट्टी, सरैया और बरुराज थाने में भी कांड के आईओ को हाल में बदला दिया गया है।
पुराने आईओ के तबादले के बाद कई जगहों पर कांड का चार्ज नहीं हो पाया था। इसमें नये आईओ को बहाल किया गया है। कांड के आईओ को निर्देश दिया गया है कि मिल मालिकों से मिलीभगत कर धान घोटाले में शामिल अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ साक्ष्य जुटाकर उन्हें अप्राथमिकी अभियुक्त बनाकर कार्रवाई करें। हालांकि, अबतक अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है। घोटाले की राशि वसूली के लिए सभी मिल मालिकों को लाल नोटिस भेजी गई थी, लेकिन आईओ ने इसमें भी सहयोग नहीं किया।
इधर, धान घोटाला में आरोपित मिल मालिकों से नीलाम पदाधिकारी नौ वर्षों में भी राशि नहीं वसूल सके हैं। कई मिल मालिकों को कोर्ट ने इस शर्त पर जमानत दी थी कि वह घोटाले की राशि जमा कराएंगे, लेकिन जमानत लेकर मिल मालिकों ने घोटाले की राशि जमा नहीं कराई। इसपर अब सख्ती बरती जा रही है। एसडीओ पूर्वी के पास 22 मिल मालिकों से 40 करोड़ सात लाख सात हजार 84 रुपये वसूली के लिए नीलामवाद चल रहा है। इसमें अबतक महज 3.49 करोड़ रुपये की ही वसूली हो पाई है। अब भी 36.57 करोड़ रुपये की वसूली नहीं हो सकी है। केवल बोचहां के नरकटिया पैक्स राइस मिल के मालिक राजेंद्र राय ने ही अपना सारा बकाया चुकाया है। एसडीओ पश्चिमी कार्यालय में भी 13 मिल मालिकों पर नीलामवाद चल रहा है। इसमें कुढ़नी में सबसे अधिक घोटाला किया गया। 11 करोड़ रुपये की वसूली शेष है।
धान घोटाले के लंबित कांडों में कार्रवाई व जांच में तेजी लाने के लिए कुछ थानों के आईओ को बदला गया है। मामले में शामिल अधिकारियों व कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए ठोस साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।
जयंतकांत, एसएसपी