स्पाइनल मस्कुलर एस्ट्राफी (SMA टाइप 1) से पीड़ित 13 माह के अयांश के साथ तेज प्रताप यादव की बेरुखी परिवार पर भारी पड़ रही है। 2 माह पहले घर आकर अयांश को कृष्ण बताया था और जान बचाने के लिए हर स्तर से मदद का वादा किया था। 45 मिनट तक अयांश को गोद में लेकर मदद की बात करने वाले तेज प्रताप वादा भूल गए हैं।
अयांश की मां नेहा सिंह का कहना है- ‘घर आने वाले नेताओं में तेज प्रताप ही ऐसे हैं, जिन्होंने वादा करके मदद नहीं की। अयांश की हालत दिन प्रतिदिन बिगड़ रही है, क्राउड फंडिंग भी ठप है।’ तेज प्रताप की इस बेरुखी के बाद अब नेहा सोनू सूद के पास मदद की आस लेकर जाने की तैयारी कर रही हैं। उनका कहना है कि जिन लोगों ने उम्मीद बढ़ाई थी, वही अब मुंह फेर रहे हैं।
जिससे थी उम्मीद, अब वही कर रहा निराश
नेहा का कहना है- ‘पैसा आ नहीं रहा है और मदद की आस कम होती जा रही है। जिस तरह से क्राउड फंडिंग आ रही थी उससे लग रहा था कि अयांश की जान बच जाएगी, लेकिन अब सब ठप है। अगर तेज प्रताप गंभीर हो जाते तो क्राउड फंडिंग में तेजी आ जाती। उन्होंने क्यों मुंह मोड़ लिया, समझ में नहीं आ रहा है।’
नेहा का कहना है- ‘अब ऑनलाइन पैसा आ रहा है, वह भी थोड़ा बहुत, लेकिन बड़ा सहयोग नहीं मिल पा रहा है।’
हालत बिगड़ी तो स्टेबल रहने के लिए डोज
अयांश की हालत दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। मां का कहना है- ‘पति जेल में हैं। अचानक से कभी ऑक्सीजन की जरूरत पड़ जाती है, जिससे डर लग जाता है। कब अयांश की हालत खराब हो जाए, इसका कोई ठिकाना नहीं होता है।’ इधर, कुछ दिन पहले उसकी तबीयत खराब हुई थी, जिसके बाद नेहा अयांश को लेकर बेंगलुरु गई थीं। डॉक्टरों ने अयांश को स्टेबल रहने को लेकर सिरप दिया है। दवा की दो फाइल साढ़े 12 लाख की है। यह दोनों फाइल 70 दिनाें तक चलेंगी।
नेहा का कहना है- ’70 दिन के अंदर फंड आ जाता है तो अयांश को इंजेक्शन लग जाएगा, नहीं तो फिर मुश्किल और बढ़ जाएगी। अब तक 7 करोड़ 23 लाख रुपए लोगों के सहयोग से आए हैं। इस बीमारी से पीड़ित बच्चों की उम्र 18 से 24 माह होती है, अयांश 13 माह का हो गया है। अब दिन प्रतिदिन उसकी बीमारी को लेकर डर रहता है।’
INPUT: Bhaskar