कल्याणी चौक के निकट स्मार्ट सिटी के तहत बॉक्स कल्वर्ट बनाने के लिए 31 मई की शाम से 72 घंटे के लिए कल्याणी-मोतीझील के बीच ट्रैफिक बंद किया गया था। दूसरी बार 72 घंटे का विस्तार मिला। मंगलवार की शाम दूसरी डेडलाइन खत्म होने के बाद भी कल्वर्ट का निर्माण पूरा नहीं हो सका। इसकी वजह से मोतीझील-कल्याणी के बीच ट्रैफिक बंद है। कल्याणी चौराहे पर सबसे ज्यादा ट्रैफिक का लोड है। पिछले एक सप्ताह से कल्याणी चौक पर घुटने भर गंदे पानी के बीच से लोग आ-जा रहे हैं। मोतीझील पांडेय गली में कई लोगों के घर में नाले का पानी घुस गया। आगे कल्वर्ट बनाकर ट्रैफिक चालू करने के बाद भी मोतीझील इलाके में अगले तीन-चार दिनों तक लोगों को जलजमाव की समस्या झेलनी पड़ सकती है।
लिली कंस्ट्रक्शन कल्याणी चौक पर कल्वर्ट बना रही है। एक सप्ताह से उसी में उलझी हुई है। अब तक कल्वर्ट का काम पूरा नहीं हुआ है। निर्माण एजेंसी का कहना है कि फरदो नाले की सफाई चल रही है। इस वजह से दो-तीन जगह बांध बंद कर दिया जा रहा है। कल्याणी-मोतीझील इलाके का पानी नहीं निकल रहा। इसी जलजमाव की वजह से कल्वर्ट बनाने में भी देरी हो रही है।
बुधवार को कल्वर्ट बनाने का काम पूरा कर लिया जाएगा। भले ही एजेंसी कल्वर्ट बना लेगी, लेकिन मोतीझील से टाउन थाने तक नाले का काम अब संभव नहीं दिख रहा। इसी तरह से नव युवक समिति ट्रस्ट से सरैयागंज टावर तक खोखर इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड ने एसडीओ के समक्ष 10 जून तक छोटी सरैयागंज में जो गड्ढा किया है, वहां नाला बनाने का वादा किया था। यहां भी काम की गति बहुत ही धीमी है।
व्यवसायी बोले- पिछले एक सप्ताह से जलजमाव के कारण कारोबार चौपट, बोहनी पर भी आफत
मोतीझील व्यवसायी संघ के अध्यक्ष त्रिभुवन राय उर्फ टुल्लू राय का कहना है कि जलजमाव की वजह से कारोबार चौपट हो गया है। कई दुकान में बोहनी नहीं हो रही है। यहां के कारोबारी बहुत मुश्किल में आ गए हैं। फरदो नाले की सफाई बहुत आवश्यक है। यह होनी चाहिए। इसमें और तेजी लाने की जरूरत है। संभावना है कि अगले चार-पांच दिनों तक मोतीझील में पानी लगा रहेगा। सबसे ज्यादा परेशानी पांडेय गली में लोगों के घर में गंदा नाला के पानी घुसने से हो रहा है।
मोतीझील के रेडीमेड व्यवसायी शंकर झा ने कहा कि इस तरह के हालात का सामना बारिश में भी नहीं करना पड़ा था। कल्याणी चौक पर एक ट्रैफिक बंद कर देने की वजह से एक भी ग्राहक दुकान तक नहीं पहुंच रहा है। हम लोगों की समस्या का जल्दी समाधान करने के बदले निगम ट्रेड लाइसेंस, यूजर शुल्क, वाटर शुल्क वसूलने में लगा हुआ है।