चार दिनों बाद रेलवे ने लौटाई सड़ी हुई लीची, भोपाल के व्यवसायी का लेने से इन्कार, मुजफ्फरपुर के व्यापारी को लगा लाखों का ‘झटका’

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। मुजफ्फरपुर से सात जून को 19484 बरौनी-अहमदाबाद एक्सप्रेस से बुक कराकर भोपाल के रानी कमलापति स्टेशन भेजने के मामले में ओवरकैरी होकर आगे अहमदाबाद स्टेशन पहुंच गई।

करीब डेढ़ ङ्क्षक्वटल लीची पार्सल की खेप चार दिनों बाद रविवार को रेलवे से लौटी। इतने दिनों तक रेल क्षेत्र में रहने से लीची सड़ गई थी। भोपाल के व्यवसायी प्रतीक शर्मा ने पैकेट खोला तो लीची से बदबू आ रहा थी। इसके बाद उन्होंने लीची लेने से इन्कार कर दिया। मुजफ्फरपुर से भेजने वाले व्यापारी कृष्ण गोपाल सिंह ने कहा कि सड़ी हुई लीची लेकर हम क्या करेंगे, इससे अच्छा रेलवे खुद रख ले। हम मुआवजा भी नहीं मांगेंगे। उन्होंने कहा कि जिस दिन लीची बुक हुई उसी दिन रानी कमलापति स्टेशन के पार्सल इंचार्ज के मोबाइल पर बिल्टी वाट््सएप पर भेज दी गई। फोन भी किया गया। ट्रेन पहुंचने पर लगातार फोन किया गया, लेकिन काल रिसिव नहीं किया गया। उसके बाद लीची ओवरकैरी हो गई। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना दूसरी बार हुई है।

रेलवे कच्चे माल का नहीं करता इंश्योरेंस

रेलवे से लीची सहित अन्य कच्चा माल मेल-एक्सप्रेस से इसलिए भेजा जाता है कि समय से सही सलामत पहुंच जाए, लेकिन रेल कर्मियों की लापरवाही के कारण ओवरकैरी होने पर सामान खराब हो जाता है। बुक सामान को गंतव्य स्टेशन पर उतारने की पूरी जिम्मेवारी रेलकर्मियों की है। उन्होंने कहा कि रानी कमलापति स्टेशन के पार्सल इंचार्ज की भारी लापरवाही सामने आई है। उन्होंने कहा कि रेलमंत्री से लेकर भोपाल डीआरएम एवं अन्य रेल उच्चाधिकारियों को ई-मेल से सारी जानकारी भेजी जा रही है।

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