तो ‘अग्निपथ’ की आग के पीछे कोचिंग सेंटर्स ? पुलिस को मिले फुटेज-मैसेज में कोचिंग संस्थान का जिक्र, पटना DM ने दिए जांच के आदेश

अग्निपथ के खिलाफ सुलग रही आक्रोश की चिंगारी कोचिंग सेंटर्स से तो नहीं भड़क रही। पटना डीएम ने कोचिंग सेंटर्स की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि राजधानी पटना से लेकर राज्य के जिला मुख्यालयों पर कोचिंग सेंटर के आसपास के इलाकों में छात्रों के अग्रेशन में आंदोलन की बड़ी कहानी छिपी है।

पटना के डीएम डॉक्टर चंद्र शेखर सिंह ने आंदोलन में कोचिंग संचालकों की गतिविधियों की जांच का आदेश दिया है। डीएम ने कहा कि अगर कोचिंग सेंटर्स की किसी भी तरह की भागीदारी सामने आई तो उनके खिलाफ उचित एक्शन लिया जायेगा।

बिहार में कोचिंग संचालकों की भूमिका संदिग्ध- डीएम

बिहार में कोचिंग संचालकों की संदिग्ध भूमिका को लेकर जांच का आदेश जारी किया जा रहा है। पटना के डीएम डॉक्टर चंद्र शेखर सिंह ने आंदोलन में कोचिंग संचालकों की गतिविधियों की जांच का आदेश दिया है।

डीएम ने बताया महत्वपूर्ण स्थानों पर सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। हम छात्रों से शांतिपूर्वक विरोध करने की अपील करते हैं। दानापुर रेलवे स्टेशन पर तोड़फोड़ के आरोप में 170 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, जबकि 46 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

गिरफ्तार किए गए लोगों के मोबाइल पर कुछ कोचिंग सेंटरों के वीडियो फुटेज और व्हाट्सएप मैसेज मिले। हम उसके आधार पर कोचिंग सेंटरों की भूमिका की जांच कर रहे हैं। जिन कोचिंग संस्थानों की संलिप्तता पाई जाएगी उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

एडीजी ने प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ की सख्ती

अग्निपथ के विरोध में हो रहे प्रदर्शन को लेकर बिहार में पुलिस का अलर्ट है। रेलवे स्टेशनों पर अधिक संख्या में पुलिस बल को लगाया गया है। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर संजय सिंह ने कहा है कि उपद्रव करने वालों ने खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। ऐसे लोगों को ट्रेस किया जा रहा है जो इसमें शामिल हैं। अब तक दो दर्जन से अधिक FIR दर्ज की जा चुकी है। सैकड़ों उपद्रवियों की पहचान कर गिरफ्तारी भी की जा रही है।

एडीजी संजय सिंह ने आक्रोशित छात्रों से कानून के दायरे में रहकर विरोध-प्रदर्शन करने की अपील की है, इसके साथ ही यह भी कहा है की कानून को अपने हाथ में ना लें, सरकारी संपत्ति को नुकसान उचित नही है। एडीजी ने विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का वालों किसी विशेष वर्ग का नाम नहीं लिया है, लेकिन उनका कहना है कि सभी की पहचान कर कार्रवाई की जा रही है।

कोचिंग सेंटर्स के आसपास से भड़क रही चिंगारी

पटना से लेकर राज्य के अन्य इलाकों में आंदोलन की आग कोचिंग सेंटर्स के आसपास छात्रों के आवासीय इलाकों से सुलग रही है। पटना के मछुआ टोली, भिखना पहाड़ी और दूसरे कोचिंग के हब कहे जाने वाले इलाकों में छात्रों के गुस्से ने यह संकेत दे दिया है कि RRB NTPC के खिलाफ आंदोलन की तरह अग्निपथ के खिलाफ आंदोलन में भी उसी ट्रेंड पर काम हो रहा है।

पटना सहित आसपास के जिलों में जहां भी प्रदर्शन हो रहा है वहां कोचिंग का बड़ा केंद्र है। सुरक्षा एजेंसियों को भी ऐसे लीडर की तलाश है जो पर्दे के पीछे से आंदोलन को हवा दे रहे हैं। इस बार के आंदोलन में छात्रों में मुंह को कपड़े से कवर किया है जिससे उन्हें ट्रेस करना बड़ी चुनौती है।

सोशल मीडिया के इस्तेमाल से बच रहे

प्रदर्शन के लिए छात्रों को इकट्‌ठा करने का पूरा ट्रेंड ही बदल दिया गया है। खुफिया सूत्रों की मानें तो RRB NTPC के खिलाफ हुए आंदोलन में कोचिंग संचालकों का नाम आने के बाद अब आंदोलन में छात्रों के मूवमेंट तय करने का पूरा ट्रेंड बदल गया है। पुलिस से बचने के लिए मैसेज से परहेज किया जा रहा है। सोशल मीडिया का कम से कम इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसे में नया ट्रेंड व्हाट्सएप से ग्रुप कॉल का निकाला गया है।

MP में फिजिकल ट्रेनरों की जांच का आदेश

छात्रों के आंदोलन को लेकर देश के सभी राज्यों में अलर्ट है। मध्य प्रदेश के साथ उत्तर प्रदेश और बिहार के साथ अन्य प्रदेशों में जिला प्रशासन कोचिंग संचालकों पर नजर रख रही है। यूपी में खुफिया अलर्ट जारी किया गया है। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में प्रशासन ने सभी फिजिकल ट्रेनर्स की जांच का आदेश जारी किया है। इसके लिए थानों के साथ एसडीएम को लगाया गया है। बिहार में भी खुफिया तंत्र आंदोलन में शामिल लोगों को ट्रेस करने में लगा है।

आक्रोश की आग में सरकारी संपत्ति हो रही खाक

अग्निपथ के खिलाफ छात्रों का हिंसक प्रदर्शन देश के कई राज्यों में हुआ है। आंदोलन का सबसे बड़ा पहलू यह है कि अग्निपथ का नाम आते ही अचानक पूरे देश में बवाल मच गया। बिना लीडर वाले इस आंदोलन में पुलिस और खुफिया एजेंसी के लिए प्रदर्शनकारियों तक पहुंचना बड़ी चुनौती हो गई है। पुलिस को छात्रों के मूवमेंट का कोई सुराग नहीं मिल रहा है, ऐसे में आक्रोश की आग में सरकारी संपत्ति खाक हो रही है।

पूरे राज्य में हो रहे इस प्रदर्शन में किसी स्टूडेंट्स यूनियन या फिर किसी राजनीतिक दल का नाम सामने नहीं आया है। ऐसे में अब शक की सूई कोचिंग सेंटर की तरफ मंडरा रही है, जहां से छात्रों के मूवमेंट का पूरा ऑपरेशन चल रहा है।

बिना लीडर वाले आंदोलन की 5 बड़ी चुनौती

  • कोई चेहरा नहीं होने से मूवमेंट पर नजर रखना हुआ मुश्किल
  • पार्टी या लीडर नहीं होने से वार्ता की नहीं कोई गुंजाइश
  • पुलिस और प्रशासन को आंदोलन खत्म कराने के लिए संपर्क साधने की मुश्किल
  • आंदोलन को शांत कराने की चुनौती
  • सोशल मीडिया और व्हाट्सप ग्रुप या मैसेज का इस्तेमाल नहीं करने से ट्रेस करने की चुनौती
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