गाड़ियों को पानी से धोने वाले सर्विस सेंटरों से टैक्स वसूली के लिए नगर निगम ने नोटिस जारी की है। तहसीलदारों ने 70 सर्विस सेंटरों की सूची नगर निगम में सौंपी है जिसे प्रथम चरण में नोटिस भेजी जा रही है।
नगर आयुक्त ने बताया कि ये सर्विस सेंटर संचालक भू-जल स्रोत का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके लिए उनसे वार्षिक 15 हजार रुपये और पानी व्यवसाय का निबंधन शुल्क 15 हजार रुपये लिए जाएंगे। इस तरह सर्विस सेंटर संचालक को 30 हजार रुपये प्रथम वर्ष देने होंगे। इसके बाद हर साल 15 हजार रुपये लगेंगे। नगर आयुक्त ने बताया कि इसी दर से जार बंद पानी का व्यवसाय करने वाले कारोबारियों से टैक्स वसूल किया जा रहा है। जार बंद पानी का व्यवसाय करने वालों से अधिक सर्विस सेंटर संचालक भूजल स्रोत का इस्तेमाल कर रहे हैं। रिपोर्ट है कि सर्विस सेंटर के संचालकों ने सबमर्सिबल करा रखा है। जिस इलाके में सर्विस सेंटर है, उसके आसपास साधारण चापाकल काम नहीं करता है।
प्रॉपर्टी टैक्स बकाया होने पर नहीं बनेगा जन्म प्रमाण पत्र :
नगर निगम का प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है तो अब घर में जन्म लेने वाले बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र नहीं बनेगा। नगर निगम को टैक्स चुकता कर रसीद लेने के बाद ही बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र बन सकेगा। इसका आदेश नगर विकास एवं आवास विभाग ने जारी किया है। इसकी नोटिस नगर निगम के जन्म-मृत्यु शाखा में चिपकाया गया है। अब नगर निगम में जन्म प्रमाणपत्र लेने वाले आवेदक को प्रॉपर्टी टैक्स की अद्यतन रसीद आवेदन के साथ संलग्न करने के लिए कहा जा रहा है। नगर आयुक्त ने बताया कि शहर में जन्म लेने वाला बच्चा यदि शहरी क्षेत्र के बाहर का है तो ऐसे आवेदक को अस्पताल में जन्म का पंजीयन कागजात लाना होगा। उन्हें प्रॉपर्टी टैक्स रसीद देने की जरूरत नहीं है।