रेलवे ने 5 साल में जितनी संपत्ति रेल हादसों में गंवाई, उससे 6 गुनी ज्यादा संपत्ति पांच दिन में अग्निपथ की आग ने जलाई

अग्निपथ के विरोध में 5 दिनों तक देशभर में हुई हिंसा में रेलवे की जितनी संपत्ति को नुकसान पहुंचा है, उतना पिछले पांच वर्षों में ट्रेन एक्सीडेंट व अन्य वजहों से भी रेलवे को नहीं हुआ। 5 दिन की हिंसा व तोड़फोड़ में रेलवे को पूरे देश में एक हजार करोड़ से अधिक का नुकसान पहुंचा है। इसमें जलाई गई ट्रेनों से लेकर स्टेशन व अन्य संपत्ति को पहुंचे नुकसान और टिकट कैंसिलेशन भी शामिल हैं। जबकि पिछले पांच वर्षों में देश भर में हुई 313 रेल दुर्घटनाओं में रेलवे की 179 करोड़ की संपत्ति को नुकसान हुआ है।

अकेले बिहार में ही 280 करोड़ की रेलवे संपत्ति को नुकसान इस आंदोलन की आग से पहुंचा है। रेल क्षेत्र में सबसे ज्यादा हिंसा व तोड़फोड़ पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत पड़ते स्टेशनों और इन स्टेशनों पर खड़ी या गुजरने वाली ट्रेनों में हुईं हैं। कुछ स्टेशनों पर तो इंजन समेत पूरी ट्रेन को ही जला दिया गया है। इससे पूर्व मध्य रेलवे को करीब 241 करोड़ का नुकसान हुआ है। बाकी नुकसान पूर्व रेलवे, पूर्वोत्तर रेलवे व पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के अंतर्गत बिहार में पड़ते क्षेत्रों में हुआ है।

पूमरे को रेल हादसों के मुकाबले अग्निपथ के आंदोलन में 48 गुना अधिक 241 करोड़ की संपत्ति का नुकसान
आंदोलन के दौरान पूरे देश में 21 ट्रेनों में आंदोलनकारियों ने आग लगा दी। इसमें अकेले बिहार में ही 5 दिन में 12 ट्रेनों की 60 बोगियों को जलाकर राख कर दिया गया। वहीं, 12 रेल इंजनों को आग के हवाले कर दिया। यही नहीं, 21 से अधिक रेलवे स्टेशनों पर भारी तोड़फोड़ कर रेल संपत्ति को आग के हवाले कर दिया गया। इसके अलावा बंद व हंगामे को लेकर देश भर में 922 ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह रद्द करना पड़ा। इस कारण 70 करोड़ से अधिक टिकट का रिफंड देना पड़ा।

बिहार में सबसे ज्यादा इलाका पूर्व मध्य रेलवे जोन करता है कवर
बिहार में चार जोन पड़ते हैं, जिसमें पूर्व रेलवे, पूर्व मध्य, पूर्वोत्तर व पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे है। सबसे ज्यादा इलाका पूमरे कवर करता है। पूमरे में बिहार के दानापुर, सोनपुर, समस्तीपुर रेलमंडल पड़ते है, जबकि भागलपुर-हावड़ा रेलखंड से जुड़े इलाके पूर्व रेलवे, उत्तर बिहार के छपरा, सीवान, गोपालगंज साइड के इलाके पूर्वोतर रेलवे गोरखपुर में और सीमांचल एरिया के अधिकतर रेलवे स्टेशन पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के अंतर्गत पड़ते हैं।

1 अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2020 तक दुर्घटनाओं के कारण पूर्व मध्य रेलवे की करीब 5 करोड़ रुपए की संपत्ति को नुकसान पहुंचा। वर्ष 2016 में पूर्व मध्य रेलवे में 6 रेल दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें रेलवे को 2 लाख 91 हजार रुपए की संपत्ति को नुकसान पहुंचा। इसी तरह वर्ष 2017 में तीन रेल हादसों में 99 लाख 25 हजार रुपए की संपत्ति का नुकसान, वर्ष 2018 में 7 रेल हादसों में 96 लाख रुपए की संपत्ति, वर्ष 2019 में 4 दुर्घटनाओं में 3 करोड़ 29 लाख रुपए, वर्ष 2020 में 3 दुर्घटनाओं में 70 हजार रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ।

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