मुजफ्फरपुर स्थित शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में सजा काट रहे अमेरिकी नागरिक डेविड क्विंग को अच्छे आचरण के कारण समय पूर्व रिहा कर दिया गया। वह पांच साल की सजा काट रहा था। उसकी सजा अगले वर्ष 20 मार्च को पूरी हो रही थी। कोलकाता स्थित अमरीकी दूतावास के अधिकारी क्लिंटन टाइरॉन वाल्स के नेतृत्व में पहुंची टीम डेविड को अपने साथ ले गयी। कागजी प्रक्रिया पूरा होने के बाद उसे दिल्ली से अमेरिका भेजा जाएगा। जेल अधीक्षक बृजेश कुमार मेहता ने बताया कि दूतावास की तरफ से डेविड के वेतन वापसी की व्यवस्था की गई थी।
इधर, मानवाधिकार अधिवक्ता SK JHA ने बताया कि डेविड को रिहा कराने की मुहिम रंग लाई। कहा कि इस मामले को उन्होंने ही मीडिया और आयोग के समक्ष रखा था। उन्होंने मानवाधिकार के अंतरराष्टीय कानून का हवाला देकर अमेरिकी राजदूत को पत्र लिखकर आगे आने को कहा था। तब अमरीकी दूतावास के दो सदस्य मुजफ्फरपुर सेंट्रल जेल में छानबीन करने पहुंचे थे। यही से ये मुहिम शुरू हुई थी। साथ मे डेविड का अच्छा आचरण भी काम आया। जिसके आधार पर उसकी रिहाई समय से पूर्व हुई।
जेलकर्मियों ने भरा जुर्माना
बताया गया कि जेलकर्मियों ने डेविड की जुर्माना राशि भर दी। मधुबनी के तत्कालिन सब जज (सप्तम) सह अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने फोरनर अमेंडमेंट की धारा 14 के तहत डेविड को दोषी करार दिया था। उसे पांच वर्ष की सजा और दो हजार का आर्थिक दंड दिया गया था। लेकिन, डेविड का कोई जमानतदार नहीं आया था। अंततः जेलकर्मियों ने ही जुर्माना की राशि भर कर उसे रिहा कराने में मदद की।
2018 में हुआ था गिरफ्तार
अधिवक्ता झा ने बताया कि 19 मार्च 2018 को मधुबनी जिला के बासोपट्टी थाना क्षेत्र के खौना ओपी के समीप से SSB ने उसे गिरफ्तार किया था। उसपर बिना विजा के भारत मे घूमने का आरोप था। इस सम्बंध में SSB के अधिकारी ने विदेशी अधिनियम के तहत केस दर्ज कराया था। डेविड को मधुबनी कोर्ट से सजा सुनाई गई थी। सुरक्षा के मद्देनजर उसे मधुबनी उपकारा से मुजफ्फरपुर सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया था।