मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी का पांच साल पूरा हो चुका है। 18 प्राेजेक्ट का काम चल रहा है। लेकिन, अब तक एक भी प्राेजेक्ट का काम पूरा नहीं हाे सका है। स्मार्ट सिटी का 215 कराेड़ खर्च हाेने के बावजूद शहर में एक नाला तक नहीं बना। सबसे कम काम सिकंदरपुर मन के सौंदर्यीकरण का और सबसे आगे नगर भवन का जीर्णाेद्धार का काम है। मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी काे तीन साल का एक्सटेंशन मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
स्मार्ट सिटी का बजट 1580 करोड़ का है। 31 मार्च 22 के बाद से स्मार्ट सिटी काे किसी भी प्राेजेक्ट का टेंडर निकालने का अधिकारी नहीं रह गया है। इसी वजह से बैरिया बस स्टैंड व जुब्बा सहनी ऑडिटोरियम के जीर्णोद्धार का टेंडर बुडकाे करेगी। पांच साल पूरा हाेने पर शनिवार काे स्मार्ट सिटी की ओर से पाैधराेपण किया जाएगा। मानसूनी बारिश शुरू हाेने के बाद जलजमाव का सबसे बड़ा गुनहगार स्मार्ट सिटी ही साबित हुई है।
वहीं, पथ निर्माण विभाग द्वारा मिठनपुरा इलाके में नाला बनाने व बुडकाे द्वारा स्टाॅर्म वाटर ड्रेनेज बनाने की वजह से मिठनपुरा-बेला इलाके काे बारिश में राहत मिली है। नगर निगम ने पांडेय गली रेलवे कल्वर्ट की सफाई पूरा कर दी है। फरदाे नाले की सफाई भी 90 प्रतिशत से ज्यादा हाे गई है। जबकि, स्मार्ट सिटी केवल नाला बनाने पर 22 कराेड़ से ज्यादा खर्च कर चुका है, लेकिन किसी नाले की कनेक्टिवटी नहीं की है।
स्मार्ट सिटी का दर्जा मिलने के चार साल बाद जमीन पर शुरू किया गया काम
प्राेजेक्ट की निगरानी के लिए एसपीवी का गठन करने के पांच माह में ही पूरी टीम काे हटाना
जिला प्रशासन, एनबीपीडीसीएल की ओर से एनओसी मिलने में विलंब
निर्माण एजेंसियाें की लापरवाही से काम में शिथिलता
शहर में जगह-जगह अतिक्रमण
प्राेजेक्ट ठंडे बस्ते में डाल दिया…
मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी का काम विलंब से शुरू हुअा। पिछले एक साल में काम में बहुत तेजी आई है। इस साल की बारिश में स्मार्ट सिटी से बहुत राहत नहीं मिलेगी। टाउन हाॅल का जीर्णोद्धार का काम पूरा कर लिया गया है। श्रावणी मेले काे लेकर काम शुरू किया गया है। कुछ माह में कई काम पूरा हाे जाएगा।