उत्तर बिहार के साथ ही नेपाल में हाे रही बारिश के कारण नदियों के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. जिले से गुजरने वाली बागमती, गंडक के बाद अब बूढ़ी गंडक नदी में पानी बढ़ने लगा है. पहले से ही उफान पर रहने के कारण बागमती के साथ गंडक नदी खतरे के निशान के करीब पहुंच गयी है. वैसे बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर अभी खतरे के निशान से काफी नीचे है. उधर सीतामढ़ी जिले में भी बागमती का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. बेलवा नरकटिया से देवापुर की ओर जाने वाले एसएच-54 पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है. शिवहर से मोतिहारी सड़क पर लगभग दो फुट पानी चढ़ जाने पर कटौंझा से सड़क संपर्क टूट गया है.
शिवहर-मोतिहारी पथ पर दो फुट पानी
- पूर्वी चंपारण में भी लालबकेया व बागमती का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. बेलवा घाट में लाल निशान तक पहुंचने में कुछ सेंटीमीटर ही शेष है. निचले इलाकों में पानी फैल रहा है. ढाका से बेलवाघाट होकर शिवहर व सीतामढ़ी जाने का मार्ग अवरुद्ध हो गया है. मुजफ्फरपुर के सिकंदरपुर में पानी का बहाव तेज हो गया है. प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में है. भारी बारिश की संभावना को देखते हुए निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को ऊंचे स्थान पर जाने की सलाह दी गयी है. नाविको के साथ बाढ़ वाले इलाके में नाव की तैनाती करने के निर्देश दिये गये हैं.
बूढ़ी गंडक में भी तेजी से बढ़ रहा पानी
जल संसाधन विभाग के अनुसार बागमती, गंडक के बाद बूढ़ी गंडक नदी में उफान शुरू हो गयी है. बागमती का जलस्तर कटौझा में खतरे के निशान 55.23 मीटर से नीचे 54.15 मीटर पर बढ़ रही है. गंडक का जलस्तर रेवा घाट में खतरे के निशान 54.41 मीटर से नीचे 52.84 मीटर पर है. इसी प्रकार बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर शहर के सिकंदरपुर में 52.53 मीटर से काफी नीचे 45.95 मीटर पर तेजी से बढ़ रही है. एसडीओ पूर्वी ज्ञान प्रकाश ने बताया कि जिले से गुजरने वाली नदियां अभी खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं तथा प्रशासन ने बाढ़ की पूरी तैयारी कर रखी है. सभी नदियों का तटबंध अभी पूरी तरह सुरक्षित है.
24 घंटे में होगी भारी बारिश
बिहार में अगले सात दिनों तक दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के सक्रिय रहने के आसार हैं. मंगलवार-बुधवार की रात से सक्रिय मॉनसून ने बुधवार को बिहार को पूरी तरह से कवर कर लिया है. बिहार में अब कोई ऐसा क्षेत्र ऐसा नहीं बचा है, जिसे मॉनसूनी बौछारों ने भिगोया हो. अगले 24 घंटे में भी भारी से भारी बारिश की आशंका है.