बिहार में शनिवार को भी मानसून मेहरबान रहने वाला है। राज्य के 11 जिलों में जोरदार बारिश के आसार हैं। जून भर जहां भीषण गर्मी से लोग परेशान थे। वहीं मानसून की एंट्री से काफी राहत मिली है। बीते 3 दिनों से राज्य के अलग-अलग जिलों में झमाझम बारिश हुई है। मौसम विभाग की मानें तो 5 जुलाई तक अलग-अलग जिलों में बारिश की संभावना है। बारिश के कारण राज्य की कई नदियां उफान पर है।
राज्य के 11 जिले बक्सर, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद, अरवल, पश्चिम चंपारण, सीवान, सारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज के अधिकतर स्थानों पर जोरदार बारिश होने की संभावना है। वहीं बाकी सभी 27 जिलों में भी कुछ स्थानों पर बारिश होने की आशंका है।
3 दिन में 26 लोगों की मौत
मौसम विभाग ने राज्य के सभी जिलों में बारिश के साथ-साथ वज्रपात की भी आशंका जताई है। विभाग ने लोगों को बिना काम घर से बाहर न जाने की अपील की है। मौसम विभाग ने लोगों को पक्के मकानों में शरण लेने को कहा है। वज्रपात से पिछले 3 दिनों में 26 जानें चली गई हैं। बुधवार के दिन 16 लोगों ने जान गवाई थी। वहीं गुरुवार को 5 लोग वज्रपात के शिकार हो गए थे। जबकि शुक्रवार को 5 लोग आकाशीय बिजली की चपेट में आ गए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी के परिजनों को 4 लाख रुपए मुआवजा देने की बात कही है।
खतरे के निशान से ऊपर कई नदियां
मानसून की एंट्री के बाद उत्तर बिहार के अधिकांश हिस्से में 40 एमएम से अधिक बारिश हो रही है। जबकि, दक्षिण हिस्से में तीन से 30 एमएम तक बारिश हुई। सुपौल के वसुआ स्थित कोसी नदी और अररिया के परमान नदी में पानी का स्तर खतरे के निशान से 118 सेंटीमीटर ऊपर है।
वही पर गोपालगंज के डुमरिया घाट स्थित गंडक में पानी का स्तर खतरे के निशान से 50 सेंटीमीटर ऊपर है। किशनगंज में महानंदा खतरे के निशान से 90 सेंटीमीटर ऊपर है। पूर्णिया 87 सेंटीमीटर और कटिहार के झावा में 104 सेंटीमीटर ऊपर है। इधर मुजफ्फरपुर के रन्नी सैदपुर स्थित बागमती में पानी का स्तर 85 सेंटीमीटर और बेनीबाद में 70 सेंटीमीटर ऊपर है। वहीं, मधुबनी के झंझारपुर स्थित कमला बलान नदी में पानी का स्तर खतरे के निशान से 75 सेंटीमीटर ऊपरहै।