उत्तर बिहार में बाढ़ से 100 से ज्यादा गांवों घिरे, 2 लाख से अधिक परिवार हुए प्रभावित, डूब गए खेत-खलिहान और मकान

बिहार में बारिश के बाद कई नदियां उफान पर हैं, इससे राज्य में बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं। कोसी-सीमांचल के बाद अब उत्तर बिहार में नदियों गंगा, महानंदा, बागमती, गंडक, कोसी जैसी बड़ी नदियां उफान पर हैं।

इन नदियों का जलस्तर बढ़ने से तटबंद वाले इलाकों में कटाव हो रहा है। राज्य के 100 से ज्यादा गांवों के करीब दो लाख परिवार प्रभावित हुए हैं। कटाव से लोगों की नींद उड़ी हुई है। पटना, बेगूसराय, समस्तीपुर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, बक्सर, मुजफ्फरपुर, मधुबनी समेत अन्य जिलों में बाढ़ के डर से लोगों ने सुरक्षित जगहों पर पलायन करना शुरू कर दिया है। कई गांवों में घर धव्स्त हो गए हैं, खेत और सड़कें पूरी तरह पानी में डूब चुकी हैं।

पटना के 25 से ज्यादा गांवों में कटाव

पटना जिले के दो दर्जनों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। गंगा, पुनपुन और सोन नदी उफान पर है। इससे दानापुर के शंकरपुर और पुरानी पानापुर के 25 से ज्यादा गांवों में कटाव होने लगा है। यहां कई गंगा में विलीन हो गए हैं। जिला प्रशासन ने 1.74 लाख लोगों को चिह्नित कर सुरक्षित स्थानों पर भेजने की तैयारी की है। इसके लिए 209 शरणस्थल बनाए गए हैं। कटाव रोकने के लिए 74 तटबंधों की मरम्मत कराई गई है।

अरवल में सोन नदी के तटीय इलाकों में भी तेजी से कटाव हो रहा है। कई इलाके नदी में विलीन हो गए हैं। खेतीहर जमीन भी पानी से डूब चुकी है। इससे किसानों को नुकसान हो रहा है।

बेगूसराय में एक लाख लोग प्रभावित

बेगूसराय जिले में कटाव से करीब एक लाख लोगों की आबादी प्रभावित हुई है। यहां गंगा और बूढ़ी गंडक नदी उफान पर होने से कटाव कर रही हैं। जिले के मटिहानी के कई गांवों में कटाव होने से ग्रामीण डर के माहौल में जी रहे हैं। सीतामढ़ी जिले के कई गांवों में बागमती नदी का पानी घुस चुका है। नदी किनारे बसे कई मकान टूट गए हैं। लोग अब सुरक्षित जगहों पर पलायन करने को मजबूर हैं।

पूर्वी चंपारण जिले के संग्रामपुर में गंडक और सुगौली में सिकरहना नदी के कटाव से कुछ गांवों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। मधुबनी जिले में कोसी नदी उफान पर है। मुजफ्फरपुर जिले में बागमती समेत तीनों बड़ी नदियों के किनारे बसे दर्जनों घर कटाव की चपेट में आ गए हैं। गायघाट के बलौरनिधि में मकान जलविहीन हो गए।

बक्सर जिले के ब्रह्मपुर,बक्सर, सिमरी और चक्की प्रखंडों में गंगा और उसकी सहायक नदियां उफान पर हैं। इससे कई गांवों में बाढ़ आ गई है। सासाराम के डेहरी में भी करीब एक दर्जन गांव बाढ़ और कटाव का दंश झेल रहे हैं।

किशनगंज जिले के कई प्रखंडों में कटाव का कहर जारी है। कई इलाकों में नदियों का जलस्तर तो घटा है लेकिन लोग अभी परेशान हैं। पोटइया प्रखंड में डोंक औऱ महानंदा नदी के कटाव से सड़कें, स्कूल, घर, खेतों में तबाही मच चुकी है। यहां कई गांवों की करीब 50 हजार की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है।

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