मुंबई और पटना के बाद मुजफ्फरपुर मरीन ड्राइव काे लेकर बड़ा अपडेट, आखिर क्यों जांच को आई पटना हाईकोर्ट की टीम ?

मुजफ्फरपुर, जासं। शहर को जाम से मुक्ति दिलाने वाली प्रमुख सड़कों में से एक ‘मरीन ड्राइव’ का निर्माण पूरा होने की उम्मीद जग गई है। शनिवार को पटना हाईकोर्ट की ओर से नियुक्त अधिवक्ता आयुक्त ने राकेश कुमार शरण और अपूर्व कुमार ने लक्ष्मी चौक के पास तुरहा टोला में सभी पक्षों के सामने सड़क के अलाइनमेंट की जांच की।

उनके साथ जिला प्रशासन, मुशहरी अंचल एवं जिला भू-अर्जन कार्यालय की टीम थी। अधिवक्ता आयुक्त छह जुलाई तक अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंप देंगे। सूत्रों की मानें तो वर्तमान अलाइनमेंट सही पाया गया है। विदित हो कि सिकंदर मन के किनारे राणीसती मंदिर से लक्ष्मी चौक तक 2.1 किमी लंबी इस छह करोड़ की सड़क का निर्माण वर्ष 2010 में शुरू हुआ था। इसके भू-अर्जन को लेकर पटना हाईकोर्ट में 2011 में याचिका दायर की गई थी।

हाईकोर्ट में इस मामले में डीएम को अपने स्तर से सुनवाई कर निर्णय लेने को कहा था। तत्कालीन डीएम ने सड़क निर्माण को हरी झंडी दे दी। इसके बाद वर्ष 2015 में लक्ष्मण साह और राज मोहन साह ने पटना हाईकोर्ट में फिर याचिका दायर की। इसमें कहा गया कि राजनीतिक दबाव में सड़क का अलाइनमेंट बदला गया है। उत्तर की तरफ सड़क का अलाइनमेंट बढ़ा दिया गया है। इसे दक्षिण की तरफ दबाव के कारण नहीं दिया गया। मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने अलाइनमेंट की जांच का निर्देश दिया था। मुख्यमंत्री की यात्रा के दौरान सड़क की मरम्मत कर दी गई थी, मगर 23 फीट की चौड़ाई तक निर्माण नहीं हो सका है।

हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में कड़ी सुरक्षा में अलाइनमेंट की जांच शुरू हुई। इसके लिए अंचल कार्यालयों से अमीन की टीम को शामिल किया गया था। एक पक्ष के राज मोहन साह ने कहा कि उनके घर की तरफ तीन फीट जमीन ली जाए तो दूसरी तरफ भी। इसके बाद उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी। इस मामले में अधिवक्ता आयुक्त ने कुछ भी बताने से इन्कार किया। हालांकि माना जा रहा कि सड़क का अलाइनमेंट सही है। यह इसलिए की इसके दक्षिण जमीन का अधिग्रहण कर सड़क का निर्माण कर दिया गया है। इससे लग रहा कि इस ओर जमीन नहीं ली गई। उत्तर की तरफ मकान को अब तक नुकसान नहीं पहुंचाया गया है। इससे लग रहा कि सड़क का अलाइनमेंट उनकी ओर अधिक कर दिया गया है।

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