जीविका को मछली पालन के लिए मिले तालाबों में 80 प्रतिशत पर अतिक्रमण, सभी डीएम काे तालाबों से अतिक्रमण हटवाने का निर्देश

मुजफ्फरपुर समेत राज्य के 30 जिलों में जल जीवन हरियाली मिशन के तहत जीविका के ग्राम समूहों काे उपलब्ध कराए गए तालाबों में मछली पालन करना मुश्किल है। जीविका के मुख्य कार्यपालक अधिकारी(सीईओ) राहुल कुमार ने सभी जिलों के डीएम काे इसकी जानकारी भेजते हुए कहा है कि ग्रामीण विकास विभाग ने पटना समेत 30 जिलों में जिन 353 तालाबों को जीविका को उपलब्ध कराया है, उनमें अधिकतर तालाबों पर अतिक्रमण है अथवा उसका रकबा काफी कम है। जिससे उसमें जीविका समूहों द्वारा मछली पालन करना संभव नहीं है।

उन्होंने सभी डीएम काे इन तालाबों से अतिक्रमण हटाने के साथ ही छाेटे तालाबों के बदले बड़ा तालाब उपलब्ध कराने काे कहा है। बताया है कि जब जीविका के समूह इन तालाबों पर पहुंच रहे हैं ताे स्थिति देखकर हैरान हाे जाते हैं। इसमें 80 फीसदी तालाब अतिक्रमित हैं।

पटना में 40 तालाबों पर कब्जा

जीविका के मुख्य कार्यपालक अधिकारी द्वारा भेजी गई सूचना के अनुसार, पटना में सर्वाधिक 40 तालाब अतिक्रमित हैं। इसके अलावा मुजफ्फरपुर के 15, पूर्णिया के 36, वैशाली के 32, समस्तीपुर के 30, कटिहार के 26, पूर्वी चंपारण व भागलपुर के 20-20, भाेजपुर के 19, नवादा के 13, बेगूसराय, खगड़िया व मधेपुरा के 10-10, गया, जमुई के 9-9, अरवल के 7, अररिया के 6, मधुबनी के 5, बक्सर के 4, जहानाबाद, किशनगंज, व मुंगेर के 3-3, नालंदा, सारण व सुपाैल के 2-2 तथा औरंगाबाद, दरभंगा व गोपालगंज के एक-एक तालाबों पर अतिक्रमण है।

80 फीसदी तालाब अतिक्रमित हैं तथा बाकी का एरिया काफी कम हाेने या बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में हाेने से मछली पालन घाटे का साैदा लग रहा है। सभी जिलों के जीविका के डीपीएम ने इसकी जानकारी अपने मुख्य कार्यपालक अधिकारी काे भेजी है।

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