बगहा में एक मृत बच्चे को जिंदा करने के नाम पर अंधविश्वास का खेल 3 दिन तक चला। बच्चे की कब्र पर एक तांत्रिक ने तंत्र-मंत्र और पूजा-पाठ का ढोंग किया। 3 दिन बाद जब तांत्रिक ने कहा कि बच्चे का शव सड़ चुका है, उसे जिंदा नहीं किया जा सकता तो परिजनों ने अपना आपा खो दिया। लोगों ने तांत्रिक की जमकर पिटाई की। साथ ही तंत्र-मंत्र के नाम पर लिए गए 10 हजार रुपए की डिमांड करने लगे।
तंत्र के दौरान तांत्रिक ने कई महिलाओं को डायन तक का आरोप लगा दिया था। भेद खुलने के बाद इन महिलाओं के परिजन इतने आक्रोशित थे कि तांत्रिक को किसी भी तरह छोड़ने को तैयार नहीं थे। इसी बीच किसी ने पुलिस को सूचना दे दी।
मौके पर पहुंची पुलिस को भी ग्रामीणों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों और पुलिस में झड़प भी हुई। परिजन ठगी का पैसा वापस लेने के लिए अड़े हुए थे। हालांकि, पुलिस ने किसी तरह तांत्रिक को भीड़ से बचाया और अपने साथ ले गई। घटना पटखौली के पोखरभिंडा गांव की है।
दरअसल, 10 दिनों पहले श्याम सुंदर यादव के 6 साल के पोते की चमकी बुखार से मौत हो गई थी। बच्चे के शव को गांव में ही दफना दिया गया। दो दिनों बाद परिजनों को किसी ने बताया कि रामनगर के डायनमरवा गांव में एक तांत्रिक वीरेंद्र पांडे है, जो बच्चे को जीवित कर सकता है।
परिजन भागे-भागे उसके पास पहुंचे और पूरी घटना बताई। तांत्रिक ने भी दावा किया कि वो बच्चे को जिंदा कर देगा। इस दौरान उसने परिजनों से 10 हजार रुपए ले लिए। इसके बाद शुरू हुआ तंत्र-मंत्र का खेल। इस दौरान तांत्रिक गांव की ही कई महिलाओं पर डायन होने का भी आरोप लगाता रहा।
जिसे भी यह सूचना मिली, मौके पर पहुंचा। इस दौरान कुछ लोगों ने तांत्रिक से अपनी समस्याओं के निदान के लिए बात की और पैसे भी दे दिए। इसी बीच सोमवार को परिजनों को तांत्रिक ने बताया कि ‘बच्चे का शव सड़ चुका है और अब उसे जीवित नहीं किया जा सकता है।
इसके बाद तो परिजनों का आक्रोश फूट पड़ा। तांत्रिक की पिटाई शुरू कर दी गई और उससे खर्च हुए रुपए की मांग करने लगे। इसी बीच घटना की सूचना पर मौके पर पुलिस भी पहुंच गई। पर लोग पुलिस से ही उलझ गए। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया तो लोग शांत हुए। इधर, पटखौली ओपी प्रभारी लालबाबू यादव यादव ने बताया कि पोखरभिंडा गांव में मृत बच्चे के परिजनों से बयान लेने के साथ आगे की कार्रवाई की जा रही है।