मुजफ्फरपुर में आसमान से बरस रही है ‘आग’, मानसून के ठिठकने से चढ़ा पारा, अगले 4 दिनों तक नहीं मिलेगी गर्मी से राहत

मानसून के ठिठकने से बढ़ी गर्मी लोगों को झुलसा रही है।

दिन में सड़क पर पैदल चलना मुश्किल हो गया है। पिछले तीन दिनों से बढ़ी गर्मी का प्रकोप सोमवार को भी दिखा। पैदल जाते राहगीर सड़कों पर छांव तलाशते रहे। हवा में नमी की मात्रा बढ़ने से उमस वाली तेज गर्मी महसूस होती रही। मौसम विभाग ने अगले चार दिनों तक मानसून के सक्रिय नहीं रहने से बारिश की संभावनाओं से इनकार किया है।

सोमवार को अधिकतम तापमान 35.3 डिग्री सेल्सियस रहा जबकि न्यूनतम तापमान 26.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। अधिकतम तापमान सामान्य से 2.7 डिग्री अधिक रहा। जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से करीब एक डिग्री अधिक पहुंच गया। पूरे दिन करीब 11 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पुरवा हवा चली।

मौसम वैज्ञानिक डॉ गुलाब सिंह ने बताया कि अगले चार दिनों तक मानसून के सक्रिय रहने की कम संभावना है। तापमान में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा। धूप काफी तेज रहेगी। हवा में नमी रहने से उमस महसूस होगी।

मानसून का रुख बदलने से कम बारिश :

मौसम विज्ञान केंद्र, पटना के वैज्ञानिक आशीष कुमार ने बताया कि एक जून से 11 जुलाई तक सूबे में करीब 288 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए थी। इस दौरान केवल 192.2 एमएम ही बारिश हुई। यानी करीब 96 एमएम बारिश कम हुई है। मानसून का टर्फ बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश से अबतक दूर रहा है। इस बार यह गुजरात से मध्यप्रदेश होते हुए अभी आंध्रप्रदेश और ओडिशा के इलाके में पहुंचा है। वहीं, पूर्वी भारत में टर्फ की दूरी बनाए रखने के कारण अबतक 33 फीसदी बारिश कम हुई है।

शरीर में पानी की कमी न होने दें :

इस मौसम में बाहर काम करने वाले लोगों के साथ ही बच्चों और बुजुर्गों को खास ख्याल रखने की जरूरत है। सदर अस्पताल के फीजिशियन डॉ नवीन कुमार ने बताया कि गर्मी की वजह से शरीर में सोडियम व क्लोराइड यानी नमक की कमी हो जाती है। शरीर से पानी पसीने के रूप में निकल जाता है। दिनभर में कम-से-कम तीन लीटर पानी जरूर पीना चाहिए। यदि एसी कमरे में हैं तो बाहर निकलने से आधे घंटे पूर्व बंद कर दें, ताकि बाहरी तापमान से शरीर को सामंजस्य बिठाने में आसानी हो। जिन लोगों को हाई बीपी की शिकायत न हो, वे ओआरएस का घोल जरूर पीएं।

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